कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया, जिसके बाद कई इलाकों में भारी नुकसान हुआ। रविवार को शहर की सड़कों पर जलते हुए वाहनों और लूटे गए शॉपिंग मॉल्स का दृश्य देखने को मिला, जिससे साफ तौर पर यह दिखता है कि हालात बेकाबू हो गए हैं।
हिंसा की चपेट में आए इलाके
मुर्शिदाबाद के धूलिया, शमशेरगंज और सुती जैसे इलाकों में दो दिन से लगातार हिंसा हो रही है। पुलिस और केंद्रीय बलों ने इन इलाकों में गश्त तेज कर दी है, हालांकि घटनाओं की गति को देखते हुए स्थिति काबू में नहीं आ पाई है। मीडिया की टीम ने जब इन क्षेत्रों का दौरा किया तो कई स्थानीय लोगों ने बर्बादी के निशान दिखाए, जिनमें एक इमारत के अंदर जलाए गए बम और टूटे हुए फर्नीचर की राख शामिल थी।
इस हिंसा का प्रमुख कारण वक्फ (संशोधन) अधिनियम का विरोध था, जिसे कुछ समूहों ने अपने समुदाय के खिलाफ एक साजिश मान लिया। स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस कानून के विरोध में मुस्लिम समूहों ने हिंदू दुकानदारों को निशाना बनाकर उनके व्यापार को नष्ट कर दिया।
स्थानीय लोग गवाह रहे हिंसा के
मुर्शिदाबाद में एक दुकान मालिक ने कहा कि वह 50 साल से इस इलाके में रह रहे हैं, लेकिन इस तरह का तांडव कभी नहीं देखा। उन्होंने बताया कि अचानक एक हथियारबंद भीड़ उनके दुकान पर आई, जिसने पहले तो उन्हें पीटा और फिर लूटपाट की। “हम कुछ कर पाते इससे पहले ही वे बाहर निकल गए,” उन्होंने कहा।
एक अन्य पीड़ित ने बताया कि उनकी दुकान पर हुए हमले में लाखों रुपये का सामान लूट लिया गया, और चार घंटे तक प्रशासन का कोई ध्यान नहीं गया। कई दुकानों के शटर तोड़े गए और सामान चोरी कर लिया गया, जबकि मुस्लिम दुकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
हिंसा के द्रष्टांत: घरों से खींचे गए लोग
शमशेरगंज के जाफराबाद में एक पिता-पुत्र की हत्या कर दी गई। एक महिला ने बताया कि हमलावरों ने दोनों को घर से खींचकर बाहर निकाला और फिर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद, घर में फर्नीचर और बर्तन तोड़े गए और घर का सामान बाहर फेंक दिया गया। यह हिंसा स्थानीय लोगों के लिए एक डरावना अनुभव बन गई है।
पुलिस और प्रशासन का जवाब
पुलिस और सुरक्षा बलों ने हालात को काबू में करने के लिए पूरी कोशिश की। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है और कोई नई हिंसा की घटना नहीं हुई है। हालांकि, हिंसा प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
दूसरी ओर, 12 और लोगों की गिरफ्तारी के बाद अब तक कुल 150 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। पुलिस अधिकारी ने बताया कि इलाके में स्थिति शांतिपूर्ण है, लेकिन सुरक्षा बल गश्त जारी रखेंगे ताकि शांति बनी रहे।