Nepal Earthquake Today: चीन में 50 से अधिक की मौत, जानें भारत में कैसा असर

Nepal Earthquake Today: चीन में 50 से अधिक की मौत, जानें भारत में कैसा असर

Nepal Earthquake Today: तिब्बत क्षेत्र में मंगलवार को आए 6.8 तीव्रता के भूकंप से अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है। चीनी सरकारी मीडिया शिन्हुआ के अनुसार, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य का आदेश दिया है। इस आपदा में 68 से अधिक लोग घायल हुए हैं, और अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।

राहत कार्यों में जुटा चीनी सैन्य बल

भूकंप के केंद्र का सर्वेक्षण करने के लिए चीनी सेना ने ड्रोन तैनात किया है। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के वेस्टर्न थिएटर कमांड ने बताया कि आपदा राहत के लिए उनकी वायु सेना ने तुरंत आपातकालीन योजना सक्रिय कर दी। सैन्य परिवहन और चिकित्सा विमान, हेलीकॉप्टर, और जमीनी बल राहत कार्यों में सहायता के लिए तैयार हैं।

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) और भारत के नेशनल अर्थक्वेक सेंटर ने भूकंप की तीव्रता 7.1 बताई है। रिपोर्ट के अनुसार, इसका केंद्र चीन के जिज़ांग प्रांत के तिंगरी काउंटी में स्थित है, जो नेपाल के खुम्बू हिमालय क्षेत्र के उत्तर-पूर्व में 90 किलोमीटर दूर है। हालांकि, चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र ने इसकी तीव्रता 6.8 और गहराई 10 किलोमीटर बताई है।

नेपाल में भी महसूस हुए झटके

नेपाल की राजधानी काठमांडू समेत कई जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। कावरेपलांचवोक, सिंधुपालचोक, धादिंग और सोलुखुंबु जिलों में भी लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आए। काठमांडू में सड़कों पर पेड़ और बिजली के तार हिलते देखे गए। USGS की रिपोर्ट के मुताबिक, भूकंप के एक घंटे के भीतर 4 से 5 तीव्रता के आधा दर्जन झटके दर्ज किए गए।

नेपाल पुलिस के प्रवक्ता बिश्व अधिकारी के अनुसार, अब तक नेपाल में किसी बड़ी क्षति या जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। हालांकि, तिब्बत में केंद्र होने के कारण उत्तरी नेपाल में झटके अधिक महसूस किए गए।

2015 के विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा करते हुए लोग इस बार भी भयभीत नजर आए। उस समय आए भूकंप ने नेपाल में 9,000 से अधिक लोगों की जान ली थी।

चीनी सरकार और सेना की सक्रियता के बावजूद, इस त्रासदी ने क्षेत्रीय सुरक्षा और आपदा प्रबंधन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तिब्बत और नेपाल दोनों जगह के लोग इस आपदा के बाद राहत और पुनर्निर्माण कार्यों की उम्मीद कर रहे हैं।

Subhash Shekhar

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