ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक पुराना संक्रमण है, लेकिन हाल ही में इसके मामले सामने आने से लोगों में जागरूकता और सतर्कता बढ़ी है। कर्नाटक में अब तक दो मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि तमिलनाडु सरकार ने इसे लेकर चिंता नहीं जताई है। स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यन के अनुसार, यह कोई नया और खतरनाक वायरस नहीं है। तमिलनाडु के दोनों संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं, लेकिन इस संक्रमण के बढ़ने की संभावना को देखते हुए कुछ एहतियाती कदम सुझाए गए हैं।
HMPV संक्रमण के लक्षण
HMPV संक्रमण के लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम से मिलते-जुलते हैं। इसके सामान्य और गंभीर लक्षण इस प्रकार हैं:
सामान्य लक्षण:
- नाक बंद होना या नाक बहना
- गले में खराश
- आंखों का लाल होना
- खांसी और हल्का बुखार
गंभीर लक्षण:
- सांस लेने में कठिनाई
- निमोनिया जैसे लक्षण
- थकान और कमजोरी
यह संक्रमण सामान्यतः 2-7 दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन गंभीर मामलों में डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
HMPV संक्रमण कैसे फैलता है?
यह संक्रमण मुख्य रूप से रेस्पिरेटरी आरएनए वायरस के कारण होता है, जो सीधे श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों, खासकर 5 साल से कम उम्र के बच्चों और 60-65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों में इसका प्रभाव ज्यादा होता है।
वायरस मुख्य रूप से इन कारणों से फैलता है:
- संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से
- छींकने या खांसने पर संक्रमित कणों के हवा में फैलने से
- गंदे हाथों से आंख, नाक या मुंह छूने पर
HMPV से बचाव के उपाय
डॉ. पिनाकी आर देबनाथ, RML अस्पताल के विशेषज्ञ, ने HMPV से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय सुझाए हैं:
1. मास्क पहनें:
भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनकर जाएं, ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके।
2. सामाजिक दूरी बनाए रखें:
संक्रमित व्यक्ति से कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें।
3. नियमित हाथ धोएं:
साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं।
4. शिष्टाचार का पालन करें:
खांसते या छींकते समय रुमाल का उपयोग करें और गंदे हाथों से अपने चेहरे को न छुएं।
5. लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें:
अगर बुखार, खांसी, या सांस लेने में तकलीफ हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
HMPV संक्रमण को लेकर सरकारी कदम
कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों राज्यों की सरकारों ने एहतियाती कदम उठाए हैं।
- तमिलनाडु सरकार: स्वास्थ्य मंत्री ने जनता को घबराने की जरूरत नहीं बताते हुए मास्क पहनने और हाथ साफ रखने की सलाह दी है।
- कर्नाटक सरकार: संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखने और लक्षणों की जांच के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
HMPV वायरस पर विशेषज्ञों की राय
आरएमएल अस्पताल के डॉ. पिनाकी आर देबनाथ के अनुसार, HMPV कोई नया वायरस नहीं है। यह पहले भी मौजूद था, लेकिन सर्दियों में श्वसन संक्रमण की वजह से इसके मामले बढ़ जाते हैं। उनका कहना है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रखना और स्वच्छता बनाए रखना इस वायरस से बचने के सबसे प्रभावी उपाय हैं।
क्या HMPV के लिए कोई विशेष इलाज है?
HMPV संक्रमण का अभी तक कोई विशेष एंटीवायरल उपचार नहीं है। मरीजों को लक्षणों के आधार पर उपचार दिया जाता है, जैसे:
- बुखार के लिए एंटीपायरेटिक दवाएं
- हाइड्रेशन बनाए रखने के लिए तरल पदार्थों का सेवन
- गंभीर मामलों में अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट
जनता के लिए सुझाव
1. घबराएं नहीं:
HMPV वायरस से संक्रमित अधिकांश लोग बिना किसी गंभीर समस्या के ठीक हो जाते हैं।
2. स्वच्छता बनाए रखें:
नियमित हाथ धोना और मास्क पहनना वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करता है।
3. समय पर चिकित्सा सलाह लें:
अगर लक्षण गंभीर हों या ठीक न हो रहे हों, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
HMPV वायरस को लेकर जागरूकता और सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यह कोई घातक वायरस नहीं है, लेकिन कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और नियमित रूप से हाथ धोना इस संक्रमण से बचने के लिए सबसे प्रभावी उपाय हैं।