महाकुंभ में आगजनी की घटना: प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

कुंभ मेले में आगजनी की घटना: प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

Prayagraj: रविवार को प्रयागराज कुंभ मेले में एक भीषण अग्निकांड हुआ, जिसने पूरे आयोजन को हिला कर रख दिया। महाकुंभ मेले के सेक्टर 19 में स्थित एक शिविर में पुआल से आग लग गई। यह आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही मिनटों में 18 टेंट इसकी चपेट में आ गए। स्थिति और भी गंभीर तब हो गई जब शिविर में रखे एलपीजी सिलेंडर विस्फोट हो गए।

सिलेंडर फटने से आग ने पकड़ी विकरालता

महाकुंभ नगर के अखाड़ा पुलिस थाना के प्रभारी भास्कर मिश्रा के अनुसार, घटना में दो एलपीजी सिलेंडरों के फटने से आग ने और भीषण रूप धारण कर लिया। जैसे ही सूचना मिली, दमकल विभाग की करीब 15-16 गाड़ियां, अग्निशमन प्रशासन, पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गईं। अधिकारियों ने बताया कि आग पर तेजी से काबू पा लिया गया, और राहत की बात यह रही कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली।

गीता प्रेस के शिविर में लगी आग

अखिल भारतीय धर्म संघ गीता प्रेस गोरखपुर के कैंप से आग की शुरुआत हुई। टेंट और उसमें रखे सामान जलकर खाक हो गए। अधिकारियों का कहना है कि आग इतनी तेजी से फैली कि आसपास के कई शिविर इसकी चपेट में आ गए। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि तीन से ज्यादा सिलेंडरों में विस्फोट हुआ, जिसके चलते आग की तीव्रता और बढ़ गई।

उत्तर प्रदेश के मंत्री ए.के. शर्मा ने घटनास्थल का दौरा किया और गीता प्रेस से जुड़े अधिकारियों से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि आग पर 20 मिनट के भीतर काबू पा लिया गया, और किसी प्रकार के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी ने ली जानकारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की। मुख्यमंत्री ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और अधिकारियों को हरसंभव राहत प्रदान करने के निर्देश दिए।

अधिकारियों के अनुसार, महाकुंभ मेले में घरेलू एलपीजी सिलेंडर में विस्फोट के कारण यह हादसा हुआ। इस विस्फोट में सेक्टर 19 के कुल 18 टेंट जलकर खाक हो गए।

दमकल विभाग और प्रशासन की तत्परता

दमकल विभाग और अन्य आपातकालीन सेवाओं ने तेज़ी से प्रतिक्रिया दी। मौके पर पहुंची टीमों ने आग पर तुरंत नियंत्रण पाया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने भीड़ को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर स्थिति को संभाला। प्रयागराज के जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने बताया कि शाम करीब साढ़े चार बजे घटना की सूचना मिली और तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी गई।

स्नान के लिए उमड़ी भीड़ और सुरक्षा इंतजाम

महाकुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी, 2025 को पौष पूर्णिमा से हुई है। यह आयोजन 26 फरवरी, 2025 तक चलेगा। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर पुण्य प्राप्ति के उद्देश्य से आते हैं।

घटना के दिन भी संगम पर भारी भीड़ थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, शनिवार तक 7.72 करोड़ से अधिक लोग स्नान कर चुके थे। रविवार (19 जनवरी) को ही लगभग 47 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। प्रशासन ने इस भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे।

महाकुंभ मेले में सुरक्षा के सबक

इस घटना ने कुंभ मेले में सुरक्षा प्रबंधन पर सवाल खड़े किए हैं। आयोजन स्थल पर भारी भीड़ और अस्थायी शिविरों में सिलेंडर का उपयोग सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन जाता है।

सुझाव और निष्कर्ष

  1. सिलेंडर उपयोग पर सख्ती: अस्थायी शिविरों में गैस सिलेंडर का उपयोग नियंत्रित होना चाहिए।
  2. दमकल उपकरण की उपलब्धता: हर शिविर में फायर एक्सटिंग्विशर और आपातकालीन उपकरण होने चाहिए।
  3. अभ्यास और प्रशिक्षण: मेले के आयोजन से पहले संबंधित कर्मचारियों को आग से बचाव का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

प्रयागराज कुंभ मेले में हुई इस घटना ने प्रशासन और आयोजन समिति को सुरक्षा उपायों पर फिर से विचार करने पर मजबूर कर दिया है। राहत की बात यह है कि इस अग्निकांड में किसी की जान नहीं गई। लेकिन इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम करना बेहद जरूरी है।

Subhash Shekhar

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