प्रवीण प्रभाकर का आजसू में जोरदार स्वागत
रांची: झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता प्रवीण प्रभाकर एक बार फिर आजसू पार्टी में शामिल हो गए हैं। यह आयोजन हरमू स्थित केंद्रीय कार्यालय में संपन्न हुआ, जहां पार्टी सुप्रीमो और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुदेश कुमार महतो ने उन्हें पार्टी का पट्टा पहनाकर सदस्यता ग्रहण करवाई। इस अवसर पर मांडू विधायक तिवारी महतो और पूर्व गोमिया विधायक लम्बोदर महतो भी समारोह में शामिल हुए।
कार्यकर्ताओं ने प्रवीण प्रभाकर को उनके मोराबादी स्थित आवास से केंद्रीय कार्यालय तक एक भव्य मोटरसाइकिल जुलूस के साथ लाया। इस दौरान संथाल परगना, पलामू और कोयलांचल से आए कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पार्टी कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं से उन्हें सम्मानित करते हुए उनकी घरवापसी का जश्न मनाया।
सुदेश महतो ने प्रवीण प्रभाकर की वापसी पर दिया बड़ा बयान
समारोह में बोलते हुए सुदेश महतो ने कहा कि प्रवीण प्रभाकर पार्टी के पुराने स्तंभ रहे हैं, और उनके लौटने से संगठन को नई मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा, “श्री प्रभाकर ने झारखंड आंदोलन को वैचारिक दिशा दी थी। अब उनके साथ मिलकर हम झारखंड के नवनिर्माण के संघर्ष को और आगे बढ़ाएंगे।”
प्रवीण प्रभाकर ने अपने संबोधन में कहा कि आजसू कार्यकर्ताओं ने पिछले 11 वर्षों में उन्हें कभी भी अलग महसूस नहीं होने दिया और हमेशा मान-सम्मान दिया। उन्होंने आजसू के ऐतिहासिक योगदान को याद करते हुए कहा, “1989 में केंद्र सरकार को झारखंड मुद्दे पर झुकना पड़ा था, और पहली झारखंड वार्ता आजसू के साथ ही हुई थी। इसी के बाद झारखंड विषयक समिति का गठन हुआ।”
झारखंड आंदोलन में आजसू का ऐतिहासिक योगदान
प्रवीण प्रभाकर ने झारखंड आंदोलन में आजसू की भूमिका को रेखांकित करते हुए बताया कि 1999 में राजग में शामिल होकर आजसू ने झारखंड राज्य के निर्माण की दिशा में निर्णायक कदम उठाया था। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के उग्र आंदोलन के कारण ही झारखंड राज्य का सपना साकार हो सका।
इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और पदाधिकारी जैसे डॉ. देवशरण भगत, राजेंद्र मेहता, राधेश्याम गोस्वामी, पंकज श्रीवास्तव, सुबोध प्रसाद और सुधीर यादव सहित अन्य नेता मौजूद रहे। जिला परिषद अध्यक्ष निर्मला भगत, हाकिम अंसारी और मनोज कुमार महतो ने भी इस अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
समारोह में जोश और उत्साह का माहौल
कार्यक्रम में शामिल हुए कार्यकर्ताओं ने प्रवीण प्रभाकर की वापसी को संगठन के लिए एक सकारात्मक कदम बताया। सभी नेताओं ने मिलकर झारखंड के विकास और आंदोलन के लक्ष्यों को पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया।
श्री प्रभाकर की वापसी ने न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं में जोश भरा, बल्कि झारखंड की राजनीति में आजसू की मजबूत उपस्थिति को भी एक नई दिशा दी है।
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