उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का भव्य आगाज हो चुका है। यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु हिस्सा लेते हैं। इस बार महाकुंभ की सबसे चर्चित हस्तियों में से एक हैं मसानी गोरख बाबा, जिन्हें अब ‘IIT Baba’ के नाम से भी जाना जाता है। उनकी अनोखी जीवन यात्रा और विचारधारा ने उन्हें सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना दिया है।
IIT Baba, हरियाणा के निवासी अभय सिंह, ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद विज्ञान और आधुनिक तकनीक की चकाचौंध छोड़कर आध्यात्मिक जीवन अपनाया। उनकी यह यात्रा केवल असामान्य ही नहीं, बल्कि प्रेरणादायक भी है।
IIT से बाबा तक: अभय सिंह की प्रेरक यात्रा
IIT बॉम्बे से शिक्षा प्राप्त की
अभय सिंह, जिन्हें अब मसानी गोरख बाबा के नाम से जाना जाता है, ने IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की। अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने विज्ञान, तकनीक, और रचनात्मकता के हर पहलू को न केवल समझा बल्कि उसमें महारत भी हासिल की।
अपनी शिक्षा के बाद उन्होंने फिजिक्स कोचिंग पढ़ाई और फिर मास्टर ऑफ डिजाइन की डिग्री भी पूरी की। लेकिन इस दौरान, उन्हें यह एहसास हुआ कि उनकी तलाश अभी पूरी नहीं हुई है।
From IIT Bombay to Maha Kumbh 2025 — Abhay Singh, now Masani Gorakh (IIT Baba), left engineering for spirituality.
— Manu (@manu_dadhwal) January 14, 2025
'Real knowledge is understanding the mind through spirituality.'
A journey of transformation and devotion🙏pic.twitter.com/j2Z3EvI8mK
फोटोग्राफी और यात्रा का सफर
शौक ने दिलाई पहचान
इंजीनियरिंग के बाद, अभय सिंह ने फोटोग्राफी में रुचि ली। उन्होंने सोचा कि ट्रैवल फोटोग्राफी उन्हें शांति और खुशी देगी। इस पेशे में उन्होंने कई खूबसूरत जगहों की यात्रा की, विभिन्न संस्कृतियों को करीब से देखा, और अपने कैमरे से अनगिनत यादें कैद कीं।
हालांकि, फोटोग्राफी में उन्हें अपनी ड्रीम लाइफ जीने का मौका मिला, लेकिन उनके मन को शांति नहीं मिली।
आध्यात्मिकता की ओर रुझान
आत्मज्ञान की ओर पहला कदम
फोटोग्राफी और आधुनिक जीवनशैली से निराश होने के बाद, अभय सिंह ने अपने जीवन के उद्देश्य को गहराई से समझने की कोशिश की। उन्होंने यह महसूस किया कि आध्यात्मिकता ही वास्तविक शांति का मार्ग है।
बाबा ने कहा, “ज्ञान के पीछे चलते जाओ, कहां तक जाओगे? अंत में आना तो यहीं है।” इस विचारधारा ने उन्हें विज्ञान की दुनिया से आध्यात्मिकता की ओर खींचा।
IIT Baba का योगदान और विचारधारा
आधुनिकता और आध्यात्मिकता का संगम
IIT Baba न केवल आध्यात्मिकता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि वे युवाओं को आत्म-जागरूकता और आधुनिकता के बीच संतुलन बनाने की प्रेरणा भी देते हैं। उनका मानना है कि आधुनिक विज्ञान और प्राचीन आध्यात्मिकता एक-दूसरे के पूरक हैं।
उनका जीवन यह संदेश देता है कि सच्चा आनंद भौतिक वस्तुओं में नहीं, बल्कि आत्मा की शांति में है।
महाकुंभ 2025 में IIT Baba की उपस्थिति
त्रिवेणी संगम पर बाबा का प्रवचन
महाकुंभ 2025 में, त्रिवेणी संगम पर IIT बाबा की उपस्थिति ने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया है। बाबा ने इस मौके पर अपने जीवन के अनुभव साझा किए और बताया कि कैसे उन्होंने भगवान शिव को समर्पित जीवन को अपनाया।
श्रद्धालु उनके प्रवचनों को सुनकर प्रेरित हो रहे हैं और यह समझ रहे हैं कि भौतिकता से परे भी एक गहरा सत्य है।
IIT Baba की प्रसिद्धि और सोशल मीडिया
वायरल हुआ वीडियो
IIT Baba का एक वीडियो, जिसमें उन्होंने अपनी जीवन यात्रा का वर्णन किया है, सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। इस वीडियो ने उन्हें रातोंरात एक चर्चित हस्ती बना दिया।
बाबा का यह कहना कि “आधुनिकता का चरम बिंदु आध्यात्मिकता है,” कई लोगों के दिलों को छू गया है।
IIT Baba की जीवन यात्रा हमें यह सिखाती है कि सच्चा आनंद और शांति भौतिक उपलब्धियों से परे है। उनके अनुभव यह बताते हैं कि आत्म-जागरूकता और आध्यात्मिकता के बिना जीवन अधूरा है।
महाकुंभ 2025 में उनकी उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि आध्यात्मिकता हर किसी को प्रेरणा दे सकती है, चाहे वह कितनी भी उन्नत शिक्षा और तकनीकी दुनिया से जुड़ा हो।