Digital Arrest: रांची के रिटायर अफसर से 11 दिनों में ठगे 2.27 करोड़ रुपये

Digital Arrest: रांची के रिटायर अफसर से 11 दिनों में ठगे 2.27 करोड़ रुपये

साइबर अपराधों का दायरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, और हाल ही में रांची के बरियातू निवासी एक सेवानिवृत्त कोयला कंपनी अधिकारी इसके शिकार बने। 11 दिनों के डिजिटल अरेस्ट के दौरान साइबर अपराधियों ने उनसे 2.27 करोड़ रुपये की ठगी की। इस राशि में उनकी पत्नी के नाम की जमा राशि भी शामिल है। भुक्तभोगी ने इस मामले की शिकायत सीआईडी के साइबर थाने और साइबर क्राइम कंट्रोल नंबर 1930 पर दर्ज कराई है। आइए जानते हैं इस मामले की पूरी कहानी और इससे बचने के उपाय।

कैसे शुरू हुआ डिजिटल अरेस्ट?

भुक्तभोगी ने दर्ज प्राथमिकी में बताया कि 10 दिसंबर 2024 को उनके निजी मोबाइल नंबर पर एक अनजान कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को ट्राई (TRAI) का अधिकारी अभिराज शुक्ला बताया। उन्होंने बताया कि उनके नंबर से अवैध विज्ञापन और भ्रामक संदेश भेजने की शिकायत मिली है।

अपराधियों की चालाकी

  1. झूठी पहचान और धमकी: कॉलर ने अपनी पहचान सरकारी अधिकारी के रूप में देकर पीड़ित को डराया। उन्होंने बताया कि उनके नंबर से गलत गतिविधियां हो रही हैं, और अगर वह सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
  2. गिरोह का सामंजस्य: इस गिरोह में एक महिला सदस्य भी शामिल थी, जिसने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच की अधिकारी पूनम गुप्ता बताया। गिरोह ने वीडियो कॉल के माध्यम से मानसिक दबाव बनाया और पीड़ित को लगातार मोबाइल कैमरे के सामने रहने को मजबूर किया।
  3. धोखाधड़ी के तरीके: अपराधियों ने 10 से 20 दिसंबर के बीच पीड़ित से 8 अलग-अलग बैंक खातों में कुल 2.27 करोड़ रुपये ट्रांसफर कराए।

पैसों के ट्रांसफर का विवरण

तारीखराशि (लाख)प्राप्तकर्ता का नामबैंक का नाम
11 दिसंबर 202430धीरज पांडेबैंक ऑफ महाराष्ट्र
11 दिसंबर 202420कमलेश चौधरीस्मॉल फाइनेंस बैंक
17 दिसंबर 202433प्रदीप जमुलकरबैंक ऑफ महाराष्ट्र
17 दिसंबर 202435पायल श्रीकांताआरबीएल बैंक
17 दिसंबर 202430परमार मेहुलबैंक ऑफ महाराष्ट्र
18 दिसंबर 202433योगेश श्रीकृष्णाबैंक ऑफ महाराष्ट्र
18 दिसंबर 202430सुमित डेबैंक ऑफ महाराष्ट्र
18 दिसंबर 202416.50थंगराज केयूको बैंक

साइबर अपराधियों के झांसे से कैसे बचें?

साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है। निम्नलिखित सावधानियां अपनाकर आप इस प्रकार के अपराधों से बच सकते हैं:

1. अनजान नंबरों के कॉल से बचें

अज्ञात नंबरों से आने वाली कॉल, खासकर जो खुद को सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताते हैं, से सतर्क रहें।

2. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें

कभी भी अपना बैंक खाता नंबर, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स, पासवर्ड, या ओटीपी किसी अजनबी के साथ साझा न करें।

3. शांत रहें और घबराएं नहीं

अगर कॉलर आपको धमकी देता है, तो घबराने की बजाय कॉल काट दें और तुरंत अधिकारियों को सूचित करें।

4. साइबर पुलिस को सूचित करें

अगर आपको साइबर ठगी का संदेह हो, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें और शिकायत दर्ज कराएं।

5. बैंकिंग गतिविधियों पर नजर रखें

अपने बैंक खातों की नियमित निगरानी करें। अगर किसी अनधिकृत ट्रांजैक्शन का पता चले, तो तुरंत बैंक को सूचित करें।

डिजिटल अरेस्ट मामलों में बढ़ोतरी

हाल के वर्षों में साइबर अपराधों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। अपराधी नई-नई तकनीकों का उपयोग कर लोगों को निशाना बना रहे हैं। भारत में डिजिटल लेन-देन की बढ़ती संख्या के साथ, साइबर सुरक्षा का महत्व भी बढ़ गया है।

सरकार और पुलिस द्वारा लोगों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा रहा है, लेकिन व्यक्तिगत स्तर पर सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि साइबर अपराधियों के जाल में फंसने से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है। अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें और किसी भी अज्ञात कॉल या संदेश पर विश्वास करने से पहले सोच-समझकर कार्रवाई करें।

Subhash Shekhar

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