कौन है शराब घोटाले का मास्टरमाइंड? जांच में खुल रही अफसर-प्राइवेट कंपनियों की मिलीभगत

कौन है शराब घोटाले का मास्टरमाइंड? जांच में खुल रही अफसर-प्राइवेट कंपनियों की मिलीभगत

Ranchi: झारखंड में शराब घोटाले की परतें अब एक-एक कर खुल रही हैं। राज्य एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) की जांच में कई हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं, जिससे सरकार, अफसर और प्राइवेट कंपनियों के बीच साठगांठ की पोल खुल रही है।

राज्य सरकार को करीब 200 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ा, लेकिन जिम्मेदार विभाग और अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। इस पूरे घोटाले की स्क्रिप्ट बहुत सुनियोजित तरीके से लिखी गई, जिसमें निजी कंपनियों को नियमों से परे जाकर फायदा पहुंचाया गया।

एसीबी जांच में खुली परतें, अफसरों की भूमिका संदिग्ध

झारखंड में पिछले दो वर्षों से राज्य सरकार की नई शराब नीति लागू है, जिसमें एक ही प्राइवेट कंपनी को राज्यभर की खुदरा शराब बिक्री का जिम्मा सौंपा गया। लेकिन अब इस नीति के तहत हुए घाटे की असल वजह सामने आ रही है – अफसरों और कंपनियों की मिलीभगत।

सूत्रों के मुताबिक, इस घोटाले में कुछ प्रभावशाली नौकरशाहों और नेताओं की भूमिका संदिग्ध है। एसीबी की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि न सिर्फ नीति को तोड़ा गया, बल्कि अवैध लाभ पहुंचाने के लिए जानबूझ कर विभागीय प्रक्रियाएं नजरअंदाज की गईं।

200 करोड़ का नुकसान, फिर भी विभाग मौन

इतनी बड़ी वित्तीय हानि के बावजूद जिम्मेदार विभाग और मंत्री अब तक चुप हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि विभाग को बार-बार घाटे की जानकारी दी गई, लेकिन जानबूझकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस नीति के चलते राज्य को सालाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है।

राज्य सरकार को इससे प्राप्त होने वाला कर राजस्व बेहद घट गया है, जो इस घोटाले की गंभीरता को और बढ़ाता है। अब सवाल यह है कि किसके इशारे पर ये सब हुआ और आखिर कौन है इस घोटाले का मास्टरमाइंड?

ED की तैयारी तेज, कई अधिकारियों की भूमिका पर नजर

सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और जल्द ही एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। ED पहले ही झारखंड में कई बड़े घोटालों की जांच कर चुकी है और अब शराब घोटाले की फाइल खोलने जा रही है।

ED को शक है कि यह सिर्फ वित्तीय गड़बड़ी नहीं, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग का भी मामला हो सकता है। कई अधिकारियों के बैंक ट्रांजैक्शन की जांच शुरू हो चुकी है और कुछ अफसरों को जल्द ही नोटिस जारी किया जा सकता है।

28 जून तक सौंपनी है रिपोर्ट

एसीबी को राज्य सरकार ने 28 जून तक इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट सौंपने को कहा है। यह रिपोर्ट आने के बाद कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है। फिलहाल, सरकार की छवि और भरोसे दोनों पर सवाल उठ रहे हैं।

अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि सरकार दोषियों पर कब और क्या कार्रवाई करती है। क्या इस घोटाले के मास्टरमाइंड को सजा मिलेगी या यह मामला भी बाकी घोटालों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?

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Subhash Shekhar

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