रांची | टाटीसिलवे के ईईएफ मैदान में 15 से 22 फरवरी तक श्रीमद् भागवत कथा का भव्य आयोजन होने जा रहा है। इस आध्यात्मिक अनुष्ठान में प्रसिद्ध कथा वाचक इंद्रेश जी उपाध्याय श्रद्धालुओं को भागवत कथा का रसास्वादन कराएंगे। आयोजन समिति के अध्यक्ष रासेश्वर नाथ मिश्र ने बताया कि यह तीसरी बार है जब टाटीसिलवे में इस कथा का आयोजन किया जा रहा है।
समिति ने बताया कि कथा के लिए सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। विशाल पंडाल का निर्माण अंतिम चरण में है, जहां करीब 10 हजार श्रद्धालु एक साथ बैठकर कथा का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा, कथा स्थल पर भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जहां भगवान आठ दिनों तक विराजमान रहेंगे।
14 फरवरी को विशाल कलश यात्रा, 2100 महिलाएं होंगी शामिल
कथा से एक दिन पहले 14 फरवरी को भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा कथा स्थल से शुरू होकर स्वर्णरेखा नदी तक जाएगी और पुनः कथा स्थल पर समाप्त होगी। आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष उमेश प्रसाद ने बताया कि यात्रा में 2100 महिलाएं शामिल होंगी। प्रत्येक 300 महिलाओं का एक समूह बनाया जाएगा, जो कुल 7 खंडों में यात्रा करेगा।
इस विशेष कलश यात्रा के लिए 27 पवित्र तीर्थों से जल लाया गया है, जिसमें त्रिवेणी संगम, गंगोत्री, यमुनोत्री, अयोध्या और राधा कुंड जैसे पवित्र स्थल शामिल हैं। यात्रा को और भव्य बनाने के लिए 150 ध्वज और 8 प्रकार के वाद्य यंत्रों की व्यवस्था की गई है।

सुरक्षा और सुविधा का विशेष इंतजाम
कथा के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पंडाल में 100 कार्यकर्ता, 30 पुलिस बल और 14 सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहेंगे। 25 सीसीटीवी कैमरों की मदद से पूरे परिसर की निगरानी होगी। स्टेज के दोनों ओर दो एलईडी स्क्रीन और पंडाल के भीतर कुल 6 एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी, ताकि सभी श्रद्धालु कथा का आनंद ले सकें।
भक्तों के लिए विशेष सेवाएं
श्रद्धालुओं के लिए कथा स्थल पर विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। परिसर में दो शू स्टैंड होंगे, जिन्हें दिल्ली की एक्सपर्ट टीम संचालित करेगी। गुलाब जल और इत्र सेवा कथा के दौरान की जाएगी। धार्मिक वस्तुओं की बिक्री के लिए विशेष स्टॉल लगाए जाएंगे। इसके अलावा, निःशुल्क पेयजल, चाय और प्राथमिक चिकित्सा की भी सुविधा होगी।
थैलेसिमिक बच्चों के लिए रक्तदान शिविर का आयोजन
इस आध्यात्मिक आयोजन को सामाजिक सेवा से जोड़ते हुए, कथा स्थल पर प्रतिदिन रक्तदान शिविर भी लगाया जाएगा। यह शिविर थैलेसिमिया, सिकल-सेल-एनीमिया और हिमोफिलिया से पीड़ित जरूरतमंदों के लिए आयोजित किया जाएगा। आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे कथा सुनने के साथ-साथ रक्तदान कर पुण्य अर्जित करें।
पार्किंग और अन्य व्यवस्थाएं
कथा स्थल के पास तीन बड़े पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जहां कार पार्किंग के लिए ₹30 और बाइक पार्किंग के लिए ₹10 शुल्क निर्धारित किया गया है। परिसर में 28 शौचालयों की सुविधा के लिए चार शौचालय वाहन लगाए गए हैं। प्रसाद वितरण के लिए 10 काउंटर स्थापित किए जाएंगे, जिससे सभी श्रद्धालु आसानी से प्रसाद ग्रहण कर सकें।
यह भव्य आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक आनंद के साथ-साथ सामाजिक सेवा का भी अवसर प्रदान करेगा।