Bombay High Court ने सोमवार को Election Commission of India (ECI) और राज्य के Chief Electoral Officer (CEO) को नोटिस जारी किया। यह कदम Maharashtra Assembly Elections 2024 में कथित गड़बड़ियों को लेकर दायर याचिका के बाद उठाया गया है।
याचिका में उठाए गए सवाल
Mumbai निवासी Chetan Chandrakant Ahire द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि 20 नवंबर 2024 को मतदान के आधिकारिक समय शाम 6 बजे के बाद 75 लाख से अधिक वोट डाले गए। याचिका के अनुसार, 90 से अधिक Assembly Constituencies में मतगणना के दौरान गड़बड़ियां पाई गईं, जहां गिने गए वोटों की संख्या मतदान किए गए वोटों से मेल नहीं खाती थी।
Petition में क्या मांग की गई?
याचिकाकर्ता के वकील Prakash Ambedkar ने अदालत में तर्क दिया कि मतदान के बाद डाले गए इन लाखों votes की authenticity को परखने के लिए कोई transparent system नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि Returning Officers (ROs) ने Election Commission के नियमों का पालन नहीं किया और अनियमितताओं की जानकारी आयोग को नहीं दी।
याचिका में Bombay High Court से मांग की गई है कि Election Commission को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया जाए कि शाम 6 बजे के बाद प्रत्येक polling station पर कितने voting tokens वितरित किए गए। साथ ही, याचिकाकर्ता ने मांग की कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में post-6 PM votes की सटीक संख्या और उनके verification की जानकारी सार्वजनिक की जाए।
इसके अलावा, याचिका में अनुरोध किया गया है कि जिन Assembly Constituencies में गड़बड़ियां पाई गई हैं, वहां के चुनाव परिणामों को null and void घोषित किया जाए और उन निर्वाचन क्षेत्रों में जारी किए गए Election Certificates को तत्काल रद्द किया जाए।
Court की प्रतिक्रिया
Justice Ajey S Gadkari और Justice Kamal R Khata की खंडपीठ ने Election Commission और अन्य संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए दो सप्ताह के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।
Election Commission का पक्ष
Election Commission of India ने पहले भी Maharashtra Elections 2024 में अनियमितताओं के आरोपों को खारिज किया था। आयोग के अनुसार, voter list अपडेट करने और मतदान प्रतिशत निर्धारित करने की प्रक्रिया पूरी तरह से नियमानुसार थी।
हालांकि, opposition parties ने चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं और कई निर्वाचन क्षेत्रों में re-verification की मांग की है। अब Bombay High Court में होने वाली अगली सुनवाई से तय होगा कि इन आरोपों में कितनी सच्चाई है और क्या चुनाव परिणामों पर इसका कोई असर पड़ेगा।