बाबूलाल मरांडी का आरोप – “मेरे और मेरे परिवार पर हमला कराने की सुपारी दे रही है हेमंत सरकार”

बाबूलाल मरांडी का आरोप - "मेरे और मेरे परिवार पर हमला कराने की सुपारी दे रही है हेमंत सरकार"

रांची: झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि हेमंत सोरेन सरकार उनके और उनके परिवार पर जानलेवा हमले करवाने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार अब केवल प्रशासन नहीं चला रही, बल्कि एक संगठित आपराधिक गिरोह की तरह काम कर रही है।

उन्होंने राजधानी रांची में आयोजित एक विशेष प्रेस कॉन्फ़्रेंस में यह बातें कही। मरांडी का दावा है कि उन्हें विश्वसनीय सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि राज्य के कुछ शीर्ष अधिकारी और सत्ता के करीबी लोग उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं।

संगठित गिरोह की तरह काम कर रही सरकार – मरांडी

मरांडी ने कहा कि इन अधिकारियों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है और ये लोग हमला, झूठे केस, चरित्र हत्या और फर्जी स्टिंग ऑपरेशन की साजिशों में जुटे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार उनके भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाई गई आवाज़ को दबाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि शराब घोटाला, बालू-पत्थर-जमीन-कोयला माफिया, और जेएसएससी-जेपीएससी परीक्षाओं में धांधली जैसे मामलों को उठाने के बाद सरकार उनकी मुखरता से असहज हो गई है। मरांडी का कहना है कि यही कारण है कि अब उन्हें चुप कराने के लिए सुपारी दी जा रही है।

“डरने वाला नहीं हूं, बेटे की शहादत के बाद भी नहीं झुका”

प्रेस वार्ता में उन्होंने पुराना उदाहरण देते हुए कहा कि जब पहले शिकारपाड़ा क्षेत्र में उग्रवादियों से उन्हें मरवाने की साजिश रची गई थी, तब केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ को उनकी सुरक्षा में तैनात किया था। उन्होंने याद दिलाया कि जब उग्रवादियों ने उनके बेटे की जान ली थी, तब भी वे नहीं झुके।

मरांडी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर कोई सोचता है कि वे धमकी या स्टिंग से डर जाएंगे तो वे भारी भूल कर रहे हैं। वे कम बोलते हैं, पर डरते नहीं। उन्होंने सीधा संदेश दिया कि वे हर साजिश का मुकाबला लोकतांत्रिक तरीके से करेंगे।

जनता और मीडिया से की अपील

मरांडी ने राज्य की जनता और मीडिया से अपील करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि ऐसे षड्यंत्रों को उजागर किया जाए और लोकतंत्र की रक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि यह केवल उनकी नहीं, बल्कि झारखंड के हर जागरूक नागरिक की लड़ाई है।

उन्होंने दोहराया कि राज्य को अब पारदर्शिता और जवाबदेही की राजनीति चाहिए, न कि डराने और दबाने की। अंत में उन्होंने कहा, “जब तक झारखंड में एक भी न्यायप्रिय आवाज़ जीवित है, मैं झुकूंगा नहीं।”

Subhash Shekhar

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