छात्रों की मांगों को अनदेखा किया तो होगा उग्र आंदोलन
रांची के Dr. Shyama Prasad Mukherjee University में छात्रों की समस्याओं को लेकर Abua Adhikar Manch ने विश्वविद्यालय प्रशासन को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। मंच के सदस्यों ने कुलपति को ज्ञापन सौंपकर 12 प्रमुख मांगों को रखा और चेतावनी दी कि यदि एक हफ्ते में समाधान नहीं निकला, तो विश्वविद्यालय में Lockdown और उग्र आंदोलन होगा।
छात्र हित से जुड़ी 12 प्रमुख मांगे
1. Statues Installation: विश्वविद्यालय परिसर में Dr. Shyama Prasad Mukherjee, Bhagwan Birsa Munda और Dr. Vinod Bihari Mahato की प्रतिमाएं जल्द स्थापित की जाएं।
2. Girls’ Hostel Construction: छात्राओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए Hostel का निर्माण हो।
3. IT Specialization Restart: प्रबंधन विभाग में IT Specialization की पढ़ाई पुनः शुरू की जाए।
4. Cleanliness & Toilets: विश्वविद्यालय में Sanitation System और Toilets की स्थिति सुधारी जाए।
5. Gate Construction Quality Check: निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की निष्पक्ष जांच कराई जाए।
6. Mandatory Classes by Permanent Teachers: सभी स्थायी शिक्षकों के लिए नियमित कक्षा संचालन अनिवार्य किया जाए।
7. Digital Projectors in Classrooms: B.Sc IT और Computer Applications की कक्षाओं में Digital Projectors लगाए जाएं।
8. Transparent Tender Process: विश्वविद्यालय में सभी Tenders निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जारी किए जाएं।
9. Timely Exam Results: परीक्षा परिणामों में हो रही देरी को रोककर समय पर Results जारी किए जाएं।
10. Water Purifier Repair: वोकेशनल बिल्डिंग में खराब ARO (Water Purifier) को तुरंत ठीक किया जाए।
11. Naming of TRL Departments: विश्वविद्यालय के TRL भवन के विभागों का नाम झारखंड के विषय विशेषज्ञ महापुरुषों के नाम पर रखा जाए।
12. Road Naming in Front of University: मुख्य प्रवेश द्वार के सामने की सड़क का नाम Dr. Ramdayal Munda के नाम पर किया जाए।
छात्रों ने दी चेतावनी, जल्द हो समाधान
Abua Adhikar Manch के Prem Kumar ने कहा,
“छात्रों की समस्याओं को प्रशासन लगातार नजरअंदाज कर रहा है, जो अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम विश्वविद्यालय में तालाबंदी करेंगे और उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।”
इस आंदोलन में Mudasar, Mubashir, Salman, Mukesh, Hariom, Shadab, Rishabh, Sunil समेत कई छात्र शामिल हुए। छात्रों का कहना है कि यह सिर्फ एक विश्वविद्यालय की नहीं, बल्कि झारखंड के हर छात्र की लड़ाई है, जिसे वे हर हाल में जीतकर रहेंगे।
अब देखना यह होगा कि प्रशासन छात्रों की मांगों पर क्या निर्णय लेता है और क्या समाधान निकलता है।