मुंबई: कारोबारी सप्ताह के पहले ही दिन शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। बीएसई का सेंसेक्स 539 अंकों की गिरावट के साथ 80,911.19 पर खुला, वहीं एनएसई का निफ्टी 0.57 फीसदी गिरकर 24,610.40 पर आ गया। इस गिरावट ने निवेशकों को चौंका दिया और बाजार में अनिश्चितता बढ़ा दी है।
लाल निशान में खुला बाजार, कई दिग्गज शेयरों पर नजर
सोमवार के शुरुआती कारोबार में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज, इंडिगो पेंट्स, मणप्पुरम फाइनेंस, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, निवा बूपा हेल्थ इंश्योरेंस, एलेम्बिक फार्मा, इरकॉन इंटरनेशनल, गोदरेज प्रॉपर्टीज, टीटागढ़ रेल सिस्टम्स, एस्ट्राजेनेका फार्मा इंडिया, जीनस पावर और नाइका के शेयरों पर खास नजर रही। हालांकि गिरावट के बीच इन शेयरों में हलचल बनी रही।
वहीं, सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को भी बाजार कमजोरी के साथ बंद हुआ था। सेंसेक्स 182 अंकों की गिरावट के साथ 81,451.01 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 0.33% गिरकर 24,750.70 पर क्लोज हुआ था। यानी बाजार पहले से ही दबाव में था, जो सोमवार को और गहरा गया।
कुछ शेयरों ने दिखाई मजबूती
शुक्रवार के कारोबार में कुछ कंपनियों के शेयरों ने बढ़त भी दिखाई थी। इनमें लार्सन एंड टूब्रो, अडाणी पोर्ट्स, इटरनल, नेस्ले, सन फार्मा और मारुति शामिल थे। इन कंपनियों में निवेशकों का भरोसा बना रहा, जिससे इनके शेयरों में तेजी देखी गई। हालांकि, ये तेजी बाजार की गिरावट को थामने में नाकाम रही।
इसके उलट इंफोसिस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसे बड़े नाम लाल निशान में रहे। इनकी कमजोरी ने सेंसेक्स को नीचे धकेलने में बड़ा योगदान दिया।
मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में हल्की बढ़त
हालांकि व्यापक बाजारों की बात करें तो निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में 0.18% और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.21% की बढ़त दर्ज की गई। यानी छोटे और मझोले शेयरों में कुछ खरीदारी दिखी, जिससे बाजार को थोड़ा सहारा मिला।
इसके बावजूद अधिकांश सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में रहे। खासकर निफ्टी मेटल, निफ्टी ऑटो और निफ्टी आईटी इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली। यह संकेत करता है कि प्रमुख सेक्टरों में निवेशकों की सतर्कता बढ़ गई है।
निवेशकों के लिए सतर्कता जरूरी
बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञ निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं। वैश्विक संकेतों और घरेलू आर्थिक आंकड़ों पर नजर बनाए रखना जरूरी है, क्योंकि इन्हीं पर बाजार की आगामी दिशा तय होगी।
आने वाले दिनों में रिजर्व बैंक की नीतिगत बैठक और विदेशी बाजारों की चाल भारतीय बाजार को प्रभावित कर सकती है। इसलिए निवेश से पहले सलाहकारों से परामर्श लेना फायदेमंद रहेगा।