राम चरण और एस. शंकर की बहुप्रतीक्षित फिल्म “गेम चेंजर” ने आखिरकार 10 जनवरी 2025 को सिनेमाघरों में दस्तक दी। यह फिल्म एस. शंकर की तेलुगु सिनेमा में पहली फिल्म है और निर्माता दिल राजू की 50वीं परियोजना। फिल्म ने अपनी घोषणा के चार साल बाद बड़े पर्दे पर जगह बनाई है। आइए देखें कि क्या यह फिल्म अपनी उम्मीदों पर खरी उतरती है।
Game Changer Movie Story
राम नंदन आईएएस (राम चरण), विशाखापट्टनम के कलेक्टर के रूप में ईमानदारी और न्याय के प्रतीक हैं। उनकी नीतियां मुख्यमंत्री सत्यमुर्ति (श्रीकांत) के बेटे मोपीदेवी (एसजे सूर्या) के अवैध कार्यों के खिलाफ खड़ी होती हैं। मोपीदेवी, राम के बढ़ते प्रभाव से नाराज होकर, उन्हें झूठे आरोपों में फंसाकर सस्पेंड करवा देता है।
लेकिन कहानी तब मोड़ लेती है, जब मुख्यमंत्री सत्यमुर्ति, राम नंदन को अपना उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा करते हैं। इसके बाद राजनीतिक साजिशें और सत्ता संघर्ष का खेल शुरू होता है। क्या राम नंदन मुख्यमंत्री बन पाएंगे? और मोपीदेवी की योजनाओं का क्या होगा? इन सभी सवालों के जवाब फिल्म में छिपे हैं।
प्लस पॉइंट्स
1. राम चरण का दमदार प्रदर्शन
फिल्म में राम चरण ने दो भिन्न भूमिकाओं में शानदार अभिनय किया है। एक ओर वह एक ईमानदार आईएएस अधिकारी के रूप में प्रभावित करते हैं, वहीं दूसरी ओर एक बोलने में हकलाने वाले व्यक्ति के रूप में उनकी भावनात्मक प्रस्तुति दिल छू जाती है।
2. एसजे सूर्या की प्रभावशाली अदाकारी
एसजे सूर्या ने एक महत्वाकांक्षी खलनायक की भूमिका को बखूबी निभाया है। उनके संवाद और हाव-भाव फिल्म को और प्रभावशाली बनाते हैं, खासकर राम चरण के साथ उनके टकराव के दृश्य।
3. सहायक कलाकारों का प्रदर्शन
अनजली ने अपने सीमित स्क्रीन टाइम में प्रभावशाली छाप छोड़ी है। कियारा आडवाणी ने प्रेमिका की भूमिका में अच्छा काम किया है, जबकि सुनिल और वेंनला किशोर ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है।
4. बैकग्राउंड स्कोर और संगीत
थमन एस का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म की गहराई को बढ़ाता है। उनकी धुनें कहानी के साथ मेल खाती हैं और दर्शकों को बांधे रखती हैं।
5. तकनीकी पक्ष
एस. थिरुनावुकरसु की सिनेमैटोग्राफी शानदार है। फिल्म के दृश्य जीवंत और भव्य लगते हैं। शमीर मोहम्मद और एंथनी रूबेन का संपादन फिल्म को तेज़ रफ्तार और रोमांचक बनाए रखता है।
माइनस पॉइंट्स
1. दूसरे किरदार की सीमित गहराई
हालांकि राम चरण का अभिनय प्रशंसनीय है, लेकिन उनके दूसरे किरदार की कहानी को और विस्तार दिया जा सकता था।
2. भावनात्मक गहराई की कमी
दूसरे हिस्से में भावनात्मक क्षण कमजोर महसूस होते हैं। इससे कहानी का प्रभाव थोड़ा कम हो जाता है।
3. अनावश्यक रोमांटिक दृश्य
पहले हिस्से में कुछ अनावश्यक रोमांटिक दृश्य कहानी की गंभीरता को कमजोर करते हैं।
4. गानों का औसत प्रदर्शन
“जरा गंडी” गीत शंकर की शैली के भव्य गानों की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरता। इसके अलावा, “ना ना हैराना” गाने का न होना भी दर्शकों को निराश कर सकता है।
तकनीकी पहलू
निर्देशन
एस. शंकर ने राजनीतिक ड्रामा को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है, लेकिन कुछ दृश्यों को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था।
संगीत और सिनेमैटोग्राफी
थमन एस का संगीत और एस. थिरुनावुकरसु की सिनेमैटोग्राफी फिल्म के प्रमुख आकर्षण हैं।
निर्माण मूल्य
फिल्म के निर्माण मूल्य उच्च स्तर के हैं। प्रत्येक दृश्य में इसकी झलक मिलती है।
फिल्म का निर्णय
कुल मिलाकर, “गेम चेंजर” एक अच्छी राजनीतिक ड्रामा फिल्म है। राम चरण और एसजे सूर्या के दमदार प्रदर्शन और उनके टकराव के दृश्यों ने इसे यादगार बनाया है। हालांकि, भावनात्मक गहराई की कमी और कुछ अनावश्यक दृश्यों ने इसके प्रभाव को थोड़ा कम किया है।
रेटिंग: 3/5