Ranchi: झारखंड विधानसभा का बजट सत्र सोमवार, 24 फरवरी से प्रारंभ हुआ, जो 27 मार्च तक चलेगा। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने अपने अभिभाषण से सत्र की शुरुआत की। विधानसभा परिसर में राज्यपाल को पारंपरिक गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, जिसके पश्चात स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने गुलदस्ता भेंटकर उनका स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव अलका तिवारी और गृह सचिव वंदना दादेल भी उपस्थित थीं।
अपने संबोधन में राज्यपाल गंगवार ने राज्य सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। हालांकि, इस दौरान प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सरकार की उपलब्धियों पर आपत्ति जताई। राज्यपाल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में बजट सत्र की महत्ता पर जोर दिया।
बिना नेता प्रतिपक्ष के सदन की कार्यवाही शुरू

बजट सत्र से पूर्व यह उम्मीद की जा रही थी कि नेता प्रतिपक्ष का चयन सदन शुरू होने से पहले हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा अब तक विधायक दल के नेता का चयन करने में असफल रहा है, जिससे सदन को नेता प्रतिपक्ष नहीं मिल पाया है। इस स्थिति के बीच बजट सत्र की कार्यवाही आरंभ हुई।
सत्र के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी विधायक पत्नी कल्पना सोरेन के साथ सदन की कार्यवाही में शामिल हुए। मुख्यमंत्री का स्वागत संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर, मुख्य सचिव अलका तिवारी, कार्मिक सचिव वंदना दादेल और विधानसभा के प्रभारी सचिव मणिक लाल हेम्ब्रम ने पुष्पगुच्छ भेंटकर किया। सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी प्रमुख विधायक और मंत्री भी सदन में उपस्थित थे।
राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में उम्मीद जताई कि बजट सत्र के दौरान विपक्ष सहयोग करेगा और महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सदन में सार्थक चर्चा होगी और लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत अच्छा आचरण और व्यवहार प्रस्तुत किया जाएगा। राज्यपाल ने विश्वास व्यक्त किया कि विपक्ष सकारात्मक भूमिका निभाएगा, जिससे राज्य की प्रगति में योगदान मिलेगा।
बिना नेता प्रतिपक्ष के सदन की कार्यवाही शुरू होना राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में विपक्ष किस प्रकार अपनी भूमिका निभाता है और सरकार के साथ मिलकर राज्य के विकास के लिए किस तरह के निर्णय लिए जाते हैं। बजट सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों पर चर्चा और निर्णय राज्य की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।