सरायकेला: जिले के आदित्यपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत गम्हरिया के चित्रगुप्त नगर में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। शुक्रवार देर शाम एक ही परिवार के चार लोगों की आत्महत्या की खबर से पूरे मोहल्ले में मातम पसरा हुआ है। मृतकों में टाटा स्टील में कार्यरत सीनियर ऑफिसर कृष्ण कुमार, उनकी पत्नी डॉली देवी और दो मासूम बेटियां शामिल हैं।
स्थानीय लोगों की माने तो परिवार दो दिनों से घर में बंद था और किसी की कोई गतिविधि नहीं दिख रही थी। पड़ोसियों को घर से दुर्गंध आने लगी, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। आदित्यपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जबरन दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुई।
जांच में सामने आया बीमारी और डिप्रेशन का मामला
घर में दाखिल होते ही पुलिस को चारों शव मिले। मृतक की पहचान कृष्ण कुमार (40), उनकी पत्नी डॉली देवी (35), बड़ी बेटी पूजा (13) और छोटी बेटी (4) के रूप में हुई। शवों की स्थिति देख पुलिस ने तत्काल सभी को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और जांच शुरू की।
प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई कि कृष्ण कुमार कैंसर से पीड़ित थे और इलाज के लिए हाल ही में मुंबई भी गए थे। इस बीमारी के चलते पूरा परिवार डिप्रेशन में था, जिससे यह कदम उठाया गया हो, ऐसी आशंका जताई जा रही है।
गम्हरिया के अंचल अधिकारी अरविंद वेदिया और थाना प्रभारी विनोद तिर्की भी मौके पर पहुंचे और घटना स्थल का मुआयना किया। उन्होंने बताया कि यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है, लेकिन पुलिस हर पहलू से जांच कर रही है।
19 मई को कैंसर इलाज कर लौटा था कृष्ण कुमार
परिवार के मुखिया और मृतक कृष्ण कुमार के पिता गोविंद तिवारी ने बताया कि कुछ समय पहले उनके बेटे को बुखार हुआ था। जब अस्पताल में जांच हुई तो पता चला कि उन्हें कैंसर है। इलाज के लिए वह मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल गए थे। वहां कीमोथेरेपी की सलाह दी गई, लेकिन फिर उन्होंने टाटा मेहरबाई अस्पताल जमशेदपुर में ही इलाज कराने का फैसला किया और 19 मई को घर लौट आए।
पिता के अनुसार, कृष्ण कुमार अपने परिवार के साथ निचली मंजिल पर रहते थे, जबकि वह खुद ऊपरी मंजिल पर थे। गुरुवार शाम तक सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन शुक्रवार सुबह से जब कोई हलचल नहीं हुई तो उन्होंने पुलिस को खबर दी।
समाज को झकझोर देने वाली त्रासदी
इस घटना ने न सिर्फ चित्रगुप्त नगर बल्कि पूरे जिले को शोक में डुबो दिया है। आत्महत्या के पीछे की असली वजह जानने के लिए पुलिस गंभीरता से जांच में जुटी हुई है। यह मामला समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि कैसे बीमारी और मानसिक तनाव पूरे परिवार को खत्म कर सकता है।
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