2 साल के बच्‍चे को 2.5 KG का ट्यूमर, डॉक्‍टर ने किया FREE इलाज

2 साल के बच्‍चे को 2.5 KG का ट्यूमर, डॉक्‍टर ने किया FREE इलाज

झारखंड गंभीर बीमारी योजना ने गरीब परिवारों के लिए एक जीवनरेखा साबित की है। इस योजना की मदद से नीलम देवी के दो वर्षीय बेटे निखिल कुमार का कैंसर का इलाज संभव हो पाया। निखिल, जो पेट में ढाई किलो के ट्यूमर से पीड़ित था, अब पूरी तरह से स्वस्थ है। इस कहानी में हम जानेंगे कि झारखंड सरकार की इस योजना ने कैसे नीलम देवी और उनके परिवार को आर्थिक और मानसिक राहत प्रदान की।

निखिल का कैंसर: परिवार के लिए एक चुनौती

नीलम देवी का परिवार आर्थिक रूप से बेहद कमजोर था। जब निखिल के पेट में ढाई किलो का ट्यूमर होने का पता चला, तो परिवार पर मानो पहाड़ टूट पड़ा। शुरुआत में निखिल का इलाज रांची के कैंसर अस्पताल में शुरू हुआ, लेकिन आर्थिक तंगी ने इलाज को जारी रखना मुश्किल कर दिया।

नीलम देवी ने बताया,

“हमारी हालत इतनी खराब थी कि खाने तक के पैसे नहीं थे। इलाज के लिए पैसे जुटाना तो बहुत दूर की बात थी।”

ऐसे मुश्किल समय में, उन्हें झारखंड सरकार की गंभीर बीमारी योजना के बारे में जानकारी मिली, जिसने उनके परिवार की उम्मीदें जगा दीं।

गंभीर बीमारी योजना का लाभ उठाने की प्रक्रिया

झारखंड गंभीर बीमारी योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। हालांकि, इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को जुटाना नीलम देवी के लिए एक चुनौतीपूर्ण कार्य था।

जरूरी दस्तावेज और प्रक्रिया

  • योजना के तहत आधार कार्डआय प्रमाण पत्र, और बीमारी का मेडिकल प्रमाण पत्र अनिवार्य थे।
  • नीलम देवी को कई बार सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ा, लेकिन सरकारी अधिकारियों और स्थानीय प्रतिनिधियों के सहयोग से दस्तावेज पूरे किए गए।

डॉक्टरों और सरकार की अहम भूमिका

निखिल के इलाज में डॉक्टरों और झारखंड सरकार ने मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

  • डॉक्टर सुरेशडॉक्टर गुंजेश, और डॉक्टर मदन की टीम ने निखिल के ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
  • ऑपरेशन के बाद की कीमोथेरेपी के लिए भी उन्होंने विशेष ध्यान दिया।

डॉ गुंजेश ने बताया,

“निखिल जब हमारे पास आया, तो उसके पेट में ढाई किलो का ट्यूमर था। परिवार के पास खाने तक के पैसे नहीं थे। हमने झारखंड गंभीर बीमारी योजना से फंड का इंतजाम किया और उसकी सर्जरी फ्री ऑफ कॉस्ट की।”

आयुष्मान योजना का भी मिला साथ

आयुष्मान योजना का भी मिला साथ

इलाज के दौरान इलाज के खर्च को आयुष्मान योजना के तहत कवर किया गया।

योजना के तहत मिली सेवाएं

  • फ्री सर्जरी और कीमोथेरेपी।
  • अस्पताल में भर्ती और दवाओं का पूरा खर्च।
  • यात्रा के दौरान आने-जाने का खर्च।

चार महीने बाद निखिल की स्थिति

ऑपरेशन के बाद चार महीने के भीतर निखिल ने पूरी तरह से स्वस्थ जीवन शुरू कर दिया। अब वह सामान्य बच्चों की तरह खाना-पीना कर रहा है और खेल-कूद में भी हिस्सा लेता है। यह सब झारखंड सरकार की योजनाओं और डॉक्टरों की समर्पण भावना के कारण संभव हो पाया।

गरीब परिवारों के लिए उम्मीद की किरण

नीलम देवी ने झारखंड सरकार और डॉक्टरों के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा,

“हम जैसे गरीब परिवारों के लिए गंभीर बीमारी योजना वरदान है। इसके बिना मेरे बेटे का इलाज संभव नहीं था।”

गंभीर बीमारी योजना: एक नई शुरुआत

झारखंड गंभीर बीमारी योजना ने न केवल निखिल कुमार जैसे बच्चों को जीवनदान दिया है, बल्कि यह साबित किया है कि सरकारी योजनाएं गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए कितनी प्रभावी हो सकती हैं।

योजना के मुख्य उद्देश्य

  1. गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
  2. गंभीर बीमारियों के लिए मुफ्त इलाज सुनिश्चित करना।
  3. जरूरतमंद परिवारों को मानसिक और सामाजिक समर्थन देना।

नीलम देवी और निखिल कुमार की कहानी झारखंड सरकार की गंभीर बीमारी योजना की सफलता को दर्शाती है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि गरीब परिवारों को जीवन की नई शुरुआत का अवसर भी देती है।

Subhash Shekhar

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