सूचना आयोग का गठन राज्य की पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए बेहद आवश्यक है। झारखंड में, हेमंत सरकार पर विपक्ष द्वारा गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं कि वे अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए सूचना आयोग का गठन नहीं कर रही हैं। भाजपा प्रवक्ता रमाकांत महतो ने यह स्पष्ट किया है कि सरकार अपने भ्रष्टाचार को उजागर होने से बचाने के लिए संवैधानिक संस्थाओं के गठन में जानबूझकर देरी कर रही है।
हेमंत सरकार और सूचना आयोग गठन में देरी
राज्य सरकार द्वारा सूचना आयोग का गठन न करने की वजह से जनता को पारदर्शिता का अधिकार नहीं मिल पा रहा है। रमाकांत महतो ने कहा कि सरकार की भ्रष्टाचार में लिप्तता और न्यायालय में भ्रामक सूचनाएं देना उनकी रणनीति का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की उदासीनता का कारण उसकी छवि खराब होने का डर है।
भ्रष्टाचार के आरोप और हेमंत सरकार का रवैया
भाजपा प्रवक्ता का कहना है कि झारखंड में कांग्रेस और राजद के समर्थन से बनी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में भ्रष्टाचार और लूट के नए रिकॉर्ड स्थापित किए हैं। इनकी वजह से संवैधानिक संस्थाओं जैसे राज्य महिला आयोग, लोकायुक्त, मानव अधिकार आयोग, राज्य खाद्य आयोग आदि का गठन नहीं हो पाया।
- लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग जैसी संस्थाओं में भी अध्यक्ष पद रिक्त हैं।
- सरकार की इन देरीपूर्ण प्रक्रियाओं से युवाओं के सपने टूट रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति और राजनीति में विवाद
भाजपा ने बाबूलाल मरांडी को जब दल का नेता बनाया, तब भी सरकार ने इस मामले को विधानसभा स्पीकर के ट्रिब्यूनल कोर्ट में लटकाए रखा।
- 2023 में अमर कुमार बाउरी को विपक्ष का नेता बनाया गया, लेकिन सूचना आयोग का गठन तब भी नहीं हो पाया।
- रमाकांत महतो ने कहा कि सरकार राजनीतिक साजिश के तहत इन संवैधानिक पदों को खाली रख रही है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और भ्रष्टाचार के आरोप
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं।
- मुख्यमंत्री जमानत पर हैं।
- कई कैबिनेट मंत्री सलाखों के पीछे जा चुके हैं।
- सरकार पर अधिकारियों और नेताओं के गठजोड़ से राज्य को लूटने का आरोप है।
भ्रष्टाचार और जनता की समस्याएं
झारखंड में संवैधानिक संस्थाओं के रिक्त होने का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है।
- महिला आयोग न होने से महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा से जुड़े मामलों में देरी हो रही है।
- लोकायुक्त न होने से भ्रष्टाचार पर नियंत्रण संभव नहीं है।
- मानव अधिकार आयोग की अनुपस्थिति से कमजोर और वंचित वर्ग के अधिकारों का हनन हो रहा है।
भ्रमित करने की साजिश और न्यायालय में झूठे दावे
रमाकांत महतो का कहना है कि सरकार न्यायालय में भ्रामक सूचनाएं देकर विपक्ष को बदनाम करने की साजिश कर रही है।
- झूठे दावे और आंकड़ों की हेराफेरी से सरकार अपनी असफलताओं को छुपाने की कोशिश कर रही है।
- राज्य की जनता के हितों को ताक पर रखकर सरकार अपने राजनीतिक लाभ को प्राथमिकता दे रही है।
लोकतंत्र और पारदर्शिता पर खतरा
झारखंड की मौजूदा स्थिति ने लोकतांत्रिक मूल्यों और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- संवैधानिक संस्थाओं का न होना सरकार की अवहेलना को दर्शाता है।
- सूचना आयोग का गठन न होने से जनता के सूचना के अधिकार का हनन हो रहा है।
जनता की मांग और विपक्ष का दबाव
भाजपा प्रवक्ता रमाकांत महतो ने सरकार पर अविलंब सूचना आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाओं के गठन का दबाव बनाया है। राज्य की जनता पारदर्शिता और जवाबदेही की उम्मीद कर रही है, लेकिन सरकार की उदासीनता से जनता का विश्वास डगमगा रहा है।