Ranchi: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया। बैठक में राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) के पुनर्विकास, आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स के निर्माण और वन क्षेत्रों के विकास कार्यों पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने इन क्षेत्रों में गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
रिम्स का मास्टर री-डेवलपमेंट प्लान शीघ्र तैयार करने के निर्देश
राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) को झारखंड के स्वास्थ्य तंत्र का स्तंभ माना जाता है। मुख्यमंत्री ने रिम्स के री-डेवलपमेंट मास्टर प्लान पर विशेष जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस योजना में भविष्य की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर एक सुसज्जित और व्यवस्थित ढांचा तैयार किया जाए।
मुख्य बिंदु: रिम्स का पुनर्विकास
- 1600 बेड के इनडोर क्षेत्र का नवीनीकरण।
- वॉटर लॉगिंग की समस्या को हल करने के लिए बेसमेंट क्षेत्र को सील करना।
- सभी हॉस्टल्स को एक जगह स्थानांतरित करने और रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स को नॉर्थ ब्लॉक में शिफ्ट करने का प्लान।
- देश में रिम्स की अलग पहचान बनाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य सेवाओं का आधुनिकीकरण।
आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स के निर्माण में गुणवत्ता और समयबद्धता
आदिवासी कल्याण हॉस्टल्स के निर्माण कार्य को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रांची और डाल्टनगंज में प्रस्तावित 4 नए हॉस्टल्स का निर्माण समय सीमा के भीतर पूर्ण किया जाए।
प्रमुख पहल: हॉस्टल्स का निर्माण
- रांची के विमेंस कॉलेज (साइंस ब्लॉक) में 525 छात्राओं के लिए हॉस्टल।
- आदिवासी हॉस्टल कैंपस में 525 छात्रों के लिए हॉस्टल।
- डाल्टनगंज के बाईपास रोड रेड़मा में दो हॉस्टल, प्रत्येक में 525 विद्यार्थियों की क्षमता।
- सभी हॉस्टल्स में बाउंड्री वॉल, सुरक्षा गार्ड, सफाई कर्मी, रसोईया और आवश्यक फर्नीचर जैसी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश।
वन क्षेत्र के ग्रामीण विकास कार्यों में बाधाओं को दूर करने का निर्देश
वन क्षेत्रों में बसे ग्रामीणों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को कई अहम निर्देश दिए।
मुख्य निर्देश:
- वन क्षेत्रों में बिजली, पानी और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास।
- मधुबन से पारसनाथ हिलटॉप को जोड़ने वाली सड़क का पुनर्निर्माण।
- वन एवं पर्यावरण विभाग के जटिल नियमों के कारण विकास कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर करना।
मुख्यमंत्री के निर्देशों का प्रभाव और प्राथमिकता
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने बैठक में जोर देकर कहा कि झारखंड के विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने की सख्त हिदायत दी।
प्रमुख प्राथमिकताएं:
- स्वास्थ्य क्षेत्र का आधुनिकीकरण और रिम्स को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना।
- आदिवासी समुदाय के छात्रों को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं प्रदान करना।
- ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को प्राथमिकता देना, विशेषकर वन क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों में।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में स्वास्थ्य, शिक्षा और पर्यावरण के क्षेत्रों में सुधार के प्रयासों को नई दिशा मिल रही है। यह बैठक राज्य की प्राथमिकताओं और विकास कार्यों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।