पुलिस वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं दे रहे पंप वाले: बाबूलाल मरांडी

पुलिस वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं दे रहे पंप वाले: बाबूलाल मरांडी

Ranchi: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने आज राज्य सरकार की कार्यशैली और आर्थिक प्रबंधन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने झारखंड की बिगड़ती आर्थिक स्थिति और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हेमंत सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

पेट्रोल-डीजल आपूर्ति ठप, पुलिस गश्ती पर संकट

मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि राजधानी रांची के कई थानों में पुलिस वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि सरकार बकाया भुगतान नहीं कर रही है। उन्होंने कहा, “झारखंड के 25 सालों के इतिहास में इतनी बदतर आर्थिक स्थिति कभी नहीं देखी गई।”

उन्होंने इसे राज्य के लिए गंभीर संकट बताया और कहा कि इस तरह की लापरवाही राज्य को अपराध के दलदल में धकेलने जैसा है। पुलिस गश्ती बाधित होने से हत्या, लूट, बलात्कार और डकैती जैसी घटनाओं में वृद्धि होने का खतरा बढ़ गया है।

बजट डायवर्ट कर रहा सरकार का ध्यान?

मरांडी ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार ने “मैयां सम्मान योजना” के लिए अन्य विभागों के बजट को डायवर्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस योजना के नाम पर राज्य की बहन-बेटियों की सुरक्षा को और कमजोर किया जा रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि रोजाना सामने आ रहे घोटालों और इंडी गठबंधन के नेताओं द्वारा किए गए वादों से मुकरने की घटनाएं राज्य की ध्वस्त अर्थव्यवस्था को उजागर कर रही हैं।

कर्मचारियों के वेतन पर भी मंडरा सकता है संकट

मरांडी ने चेतावनी दी कि अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले दिनों में हिमाचल प्रदेश जैसे हालात झारखंड में भी बन सकते हैं, जहां सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन देने में दिक्कतें आईं। उन्होंने कहा, “झारखंड सरकार की लचर नीतियां राज्य को आर्थिक संकट की ओर ले जा रही हैं।”

राज्य की सुरक्षा और आर्थिक प्रबंधन पर सवाल

मरांडी ने हेमंत सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि विकास योजनाओं और सुरक्षा व्यवस्था को नजरअंदाज करना झारखंड के भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने सरकार से तत्काल आर्थिक प्रबंधन सुधारने और प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की अपील की।

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी के बयान ने झारखंड की मौजूदा आर्थिक और प्रशासनिक स्थिति पर बहस छेड़ दी है। राज्य की जनता और विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांग रहे हैं। अब यह देखना होगा कि हेमंत सरकार इन आरोपों का क्या जवाब देती है और बिगड़ती स्थिति को सुधारने के लिए क्या कदम उठाती है।

Subhash Shekhar

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