गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे झारखंड के 14 मुखिया

गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होंगे झारखंड के 14 मुखिया

झारखंड के मुखिया का गौरवपूर्ण अवसर

नई दिल्ली में इस बार गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा बनने का अवसर झारखंड के 14 मुखियाओं को मिला है। उनके साथ रांची के दो नोडल पदाधिकारी, आदित्य रंजन और अरशद अंसारी भी शामिल होंगे। इन मुखियाओं को अपनी पत्नी या पति को भी साथ ले जाने की अनुमति दी गई है। यात्रा और अन्य सुविधाएं झारखंड सरकार द्वारा प्रदान की जाएंगी।

पंचायत के प्रयासों का मिला इनाम

इन मुखियाओं का चयन उनके पंचायत क्षेत्रों में किए गए उत्कृष्ट कार्यों के आधार पर किया गया है। लोहरदगा के उदारंगी पंचायत के मुखिया परमेश्वर महाली, अनुशासन और योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रसिद्ध हैं। वे ग्रामीणों के संपर्क में रहकर हर समस्या का समाधान करने में अग्रणी रहे हैं।

इसी तरह, बेंद पंचायत के मुखिया राधानाथ मुर्मू ने अपने क्षेत्र को डिजिटल सेवाओं से जोड़ दिया है। अब ग्रामीणों को शहर का चक्कर नहीं लगाना पड़ता। उनके प्रयासों के कारण पंचायत को आदर्श पंचायत के रूप में चुना गया।

बच्चों की शिक्षा और स्वच्छता पर ध्यान

बोकारो जिले की बुंडू पंचायत की मुखिया निहारिका सुकीर्ति ने अपने पंचायत में ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या शून्य करवाई। इसके लिए उन्हें चाइल्ड फ्रेंडली अवार्ड भी मिला। निहारिका ने स्वच्छता और वर्षा जल संग्रह के क्षेत्र में भी सराहनीय काम किया है। इसके अलावा, उन्होंने समाधान कार्यालय खोला, जहां ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान तुरंत किया जाता है।

ये मुखिया होंगे दिल्ली यात्रा के भागीदार

इस गौरवपूर्ण सूची में पू. सिंहभूम से निताई मुंडा और राधानाथ मुर्मू, रांची से नूतन पाहन, रमेश बेदिया और भुवनेश्वर बेदिया, धनबाद से अपर्णा देवी, खूंटी से जयंती देवी और मोनिका टोपनो, लोहरदगा से राजू उरांव, बसंत उरांव और परमेश्वर महाली, लातेहार से रामबिशुन नगेशिया, बोकारो से निहारिका सुकीर्ति, और गढ़वा से महताब आलम शामिल हैं।

गर्व का क्षण और प्रेरणा

पूर्वी मऊभंडार पंचायत के मुखिया निताई मुंडा ने कहा, “टीवी पर देखने वाली परेड को इस बार पत्नी संग प्रत्यक्ष देखने का मौका मिलना गर्व की बात है।” इस यात्रा से न केवल मुखियाओं को अनुभव प्राप्त होगा, बल्कि यह उनके भविष्य के प्रयासों के लिए प्रेरणा भी बनेगी।

गणतंत्र दिवस परेड में झारखंड के प्रतिनिधित्व का यह क्षण न केवल उनके व्यक्तिगत योगदान का सम्मान है, बल्कि राज्य की प्रगति का प्रतीक भी है।

Subhash Shekhar

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