राजधानी रांची में यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा, 48 केंद्रों पर 21,800 अभ्यर्थी हुए शामिल

राजधानी रांची में यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा, 48 केंद्रों पर 21,800 अभ्यर्थी हुए शामिल

रांची: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की प्रतिष्ठित सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा रविवार को राजधानी रांची में शांतिपूर्ण और सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच संपन्न हुई। इस महत्वपूर्ण परीक्षा में कुल 21,800 अभ्यर्थियों ने भाग लिया, जो कि शहर के 48 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई।

परीक्षा के आयोजन को लेकर प्रशासन ने कई स्तरों पर तैयारी की थी। प्रमंडलीय आयुक्त अंजनी कुमार मिश्र की अध्यक्षता में विशेष रणनीति बनाई गई, जिससे परीक्षा में किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।

दो पालियों में बंटी परीक्षा, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

परीक्षा को दो पालियों में आयोजित किया गया। पहली पाली सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक चली, जबकि दूसरी पाली दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक आयोजित की गई। प्रशासन ने परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने से कम से कम 30 मिनट पहले केंद्र पर पहुंचने की सख्त हिदायत दी थी।

अधिकांश परीक्षार्थी समय से पूर्व केंद्र पर पहुंचे, जिससे केंद्रों पर अनावश्यक भीड़भाड़ से बचा जा सका। हर परीक्षार्थी के प्रवेश से पहले एडमिट कार्ड और पहचान पत्र की गहन जांच की गई।

कंट्रोल रूम से हुई हर गतिविधि पर निगरानी

परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में सुबह 7 बजे से ही कंट्रोल रूम सक्रिय कर दिया गया। इस कंट्रोल रूम से सभी परीक्षा केंद्रों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी गई।

किसी भी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी या अनुचित गतिविधि की तत्काल सूचना और समाधान की व्यवस्था की गई थी। साथ ही, केंद्रों पर किसी भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को ले जाने पर पूर्ण पाबंदी थी और तलाशी के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी गई।

वरिष्ठ अधिकारियों को बनाया गया पर्यवेक्षक

परीक्षा के सुचारू संचालन हेतु राज्य के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया गया। ग्रामीण विकास सचिव के. श्रीनिवासन, पर्यटन एवं कला-संस्कृति सचिव मनोज कुमार और स्कूली शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

इन अधिकारियों ने परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण किया और व्यवस्था का जायजा लिया। सभी केंद्रों पर परीक्षार्थियों को सुविधाजनक माहौल प्रदान करने का प्रयास किया गया।

परीक्षा केंद्रों पर लागू हुई धारा 163

परीक्षा की पारदर्शिता और शांतिपूर्ण संचालन सुनिश्चित करने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर के दायरे में बीएनएसएस की धारा 163 लागू की गई। इसका उद्देश्य केंद्रों के बाहर अनधिकृत व्यक्तियों की आवाजाही पर पूर्ण रोक लगाना था।

प्रशासन की सख्त व्यवस्था और निगरानी के कारण परीक्षा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुई। किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की कोई सूचना नहीं मिली, जिससे यह माना जा सकता है कि प्रशासन का आयोजन सफल रहा।

इस परीक्षा के माध्यम से हजारों युवाओं के सपनों को पंख लग सकते हैं, जो देश की सर्वोच्च सेवाओं में स्थान पाने की तैयारी कर रहे हैं।

Subhash Shekhar

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