नीट रिजल्ट के बाद कोचिंग संस्थानों के विज्ञापनों का भ्रमजाल

नीट रिजल्ट के बाद कोचिंग संस्थानों के विज्ञापनों का भ्रमजाल

नीट रिजल्ट आते ही पूरे देश में कोचिंग संस्थानों की ओर से भ्रामक और भ्रमित करने वाले फुल पेज विज्ञापनों की बाढ़ आ जाती है। अखबारों से लेकर डिजिटल प्लेटफॉर्म तक, हर जगह टॉपर्स की तस्वीरों के साथ दावे किए जाते हैं कि वे “हमारे संस्थान” के छात्र हैं। यह लेख इस पूरे भ्रमजाल, कोचिंग इंडस्ट्री की मार्केटिंग चालों, और सरकार की सख्ती पर आधारित है।

नीट रिजल्ट 2025: किसका छात्र है टॉपर?

2025 में NEET 2025 का रिजल्ट आते ही देशभर के अखबारों में केशव मित्तल और तनिष्का जैसे टॉपर्स के नाम पर कई कोचिंग संस्थानों ने अपने-अपने दावे ठोक दिए।

  • एलन इंस्टीट्यूट ने अखबार में फुल पेज विज्ञापन देकर केशव मित्तल की फोटो के साथ दावा किया कि वो उनका छात्र था।
  • वहीं, नारायणा इंस्टीट्यूट और मोसन कोचिंग ने भी यही दावा किया।
  • इसी तरह, तनिष्का के नाम पर एलन, आकाश इंस्टीट्यूट और नारायणा – सभी ने दावा किया कि वो उनके यहां पढ़ी और AIR-1 बनी।

इन भ्रामक विज्ञापनों से आम छात्र और अभिभावक भ्रमित हो जाते हैं। कौन-सा दावा सही है? कौन झूठ बोल रहा है? और इस सबका उद्देश्य क्या है?

भ्रामक विज्ञापन (Misleading Advertisements) का मकसद होता है छात्रों और अभिभावकों को यह विश्वास दिलाना कि टॉपर उस कोचिंग का छात्र था, जिससे कोचिंग की ब्रांड वैल्यू और एडमिशन बढ़ जाए।

ऐसे विज्ञापनों में आम तौर पर शामिल होते हैं:

  • टॉपर की फोटो और रैंक
  • “स्टूडेंट ऑफ…”, “क्लासरूम कोर्स से चयनित…”, जैसे वाक्य
  • फर्जी टेस्ट सीरीज का नाम
  • झूठे ट्रायल क्लासेस या स्कॉलरशिप दावे

ये विज्ञापन न केवल छात्रों को भ्रमित करते हैं, बल्कि मूल्यवर्धन से दूर, केवल मार्केटिंग का हथियार बनते हैं

📉 कोचिंग इंडस्ट्री और मार्केटिंग का मायाजाल

भारत में कोचिंग इंडस्ट्री एक 40,000 करोड़ रुपये से अधिक की इंडस्ट्री है। ये इंडस्ट्री अब केवल पढ़ाई नहीं, बल्कि मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर अधिक खर्च करती है।

  • एक टॉपर के पीछे 10 कोचिंग संस्थानों का दावा
  • एक ही छात्र के फोटो का अलग-अलग संस्थानों द्वारा प्रयोग
  • रिजल्ट के तुरंत बाद अखबारों के पहले पेज बुक करना

इसकी वजह से ईमानदारी से मेहनत करने वाले छात्रों की पहचान धुंधली हो जाती है।

⚖️ सरकार की सख्ती: CCPA की कार्रवाई

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने वर्ष 2025 में 24 कोचिंग संस्थानों पर ₹77.6 लाख का जुर्माना लगाया है।

प्रमुख पहलू:

  • 1.56 करोड़ रुपये की राशि का छात्रों को रिफंड कराया गया।
  • 600 से अधिक छात्र भ्रामक वादों से ठगे गए थे।
  • उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, ये संस्थान पाठ्यक्रम रद्द, अधूरी कक्षाएं, और लेट स्टार्ट जैसे कारणों से रिफंड नहीं दे रहे थे।

👉 यह कार्रवाई साबित करती है कि सरकार छात्रों के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है।

नए दिशा-निर्देश और जुर्माना की सजा

उपभोक्ता मंत्रालय ने कोचिंग संस्थानों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनका उल्लंघन करने पर ₹10 लाख से ₹50 लाख तक जुर्माना और विज्ञापन लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।

मुख्य निर्देश:

  1. फैकल्टी और सुविधाओं की पारदर्शिता
  2. रैंकर्स से जुड़े तथ्यात्मक प्रमाण
  3. रिफंड पॉलिसी की स्पष्टता
  4. क्लास टाइमिंग और कोर्स स्ट्रक्चर की ईमानदार जानकारी

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी नजर

केवल प्रिंट मीडिया नहीं, बल्कि ई-कॉमर्स वेबसाइट, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, गूगल ऐड्स पर चल रहे भ्रामक विज्ञापनों पर भी CCPA की नजर है।

महत्वपूर्ण कार्रवाई:

  • प्रेशर कुकर, सीट बेल्ट अलार्म क्लिप जैसे अनवांटेड प्रोडक्ट हटाए गए।
  • कोविड काल में रद्द उड़ानों के लिए ₹1454 करोड़ रिफंड वापस कराया गया।

यह दर्शाता है कि भारत सरकार सभी सेक्टरों में उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

कस्बों और गांवों में विज्ञापन की असली मार

छोटे शहरों और गांवों में सड़कों के किनारे लगे चमचमाते विज्ञापन बच्चों को एक सपना दिखाते हैं – डॉक्टर बनने का, कलेक्टर बनने का।

  • बच्चे महीनों घर से दूर रहते हैं, खाने और रहने की खराब व्यवस्था झेलते हैं।
  • कई जानलेवा घटनाएं भी होती हैं – आग लगना, डूबना, आत्महत्या आदि।

इन हालातों की जड़ में भ्रामक विज्ञापन और अवास्तविक उम्मीदें हैं।

अभिभावकों की मजबूरी और भावनात्मक जाल

अभिभावक अपनी जमीन बेचकर, कर्ज लेकर बच्चों का दाखिला कराते हैं। लेकिन जब कोचिंग संस्थानों की हकीकत सामने आती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

इसलिए जरूरी है कि माता-पिता:

  • अधिकारिक वेबसाइट से जानकारी लें।
  • किसी भी विज्ञापन पर अंधा विश्वास न करें
  • कोचिंग का पूर्व स्टूडेंट से फीडबैक लें

सच्चाई के आइने में देखें विज्ञापन

नीट रिजल्ट के बाद कोचिंग संस्थानों के विज्ञापनों का भ्रमजाल छात्रों और अभिभावकों को जाल में फंसाने का माध्यम बनता जा रहा है। लेकिन अब सरकार ने सख्त निर्देशों और कार्यवाही से यह संदेश दे दिया है कि “झूठ नहीं चलेगा।”

अब ज़रूरत है:

  • सजग रहने की
  • जागरूक रहने की
  • सही जानकारी प्राप्त करने की

क्या कोचिंग संस्थान किसी भी टॉपर पर दावा कर सकते हैं?

नहीं। नए दिशा-निर्देशों के तहत संस्थानों को केवल उन्हीं छात्रों पर दावा करने की अनुमति है जो संस्थान की कक्षा में पढ़े हों और इसका प्रमाण हो।

अगर कोई कोचिंग गलत जानकारी दे रही हो तो शिकायत कहां करें?

आप राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) पर कॉल कर सकते हैं या https://consumerhelpline.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

क्या सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए जुर्माना तय किया है?

हां। सरकार ने ₹10 लाख से ₹50 लाख तक का जुर्माना तय किया है और दिशा-निर्देशों का पालन न करने पर विज्ञापन लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।

Subhash Shekhar

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