भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा फिर बनी शरारती तत्वों का निशाना
Dhanbad News: धनबाद में भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है। असामाजिक तत्वों ने प्रतिमा के धनुष को क्षतिग्रस्त कर दिया, जबकि तरकश से तीर गायब कर दिया गया है। इस घटना को लेकर स्थानीय समिति ने कड़ा आक्रोश जताया है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
भगवान बिरसा मुंडा स्मारक समिति के संयोजक महादेव हांसदा ने इस घटना को किसी साजिश का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले भी दो बार प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया था। समिति ने धनबाद उपायुक्त से मांग की है कि जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाए और प्रतिमा स्थल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
प्रशासन ने शुरू की जांच, सुरक्षा बढ़ाने की मांग
घटना की सूचना मिलने के बाद बैंक मोड़ थाना प्रभारी लव कुमार और नगर निगम के इंस्पेक्टर अनिल कुमार मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। नगर निगम इंस्पेक्टर ने बताया कि शुरुआती जांच में किसी शरारती तत्व का हाथ होने की संभावना जताई जा रही है।
नगर निगम के आयुक्त ने क्षतिग्रस्त धनुष की मरम्मत के आदेश दे दिए हैं। जल्द ही मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा ताकि प्रतिमा को पहले की तरह बहाल किया जा सके। साथ ही, स्थानीय लोगों ने प्रशासन से प्रतिमा स्थल पर घेराबंदी करने और निगरानी बढ़ाने की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न दोहराई जाएं।
आदिवासी समाज में रोष, विरोध प्रदर्शन की चेतावनी
भगवान बिरसा मुंडा को आदिवासी अस्मिता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में उनकी प्रतिमा के साथ बार-बार छेड़छाड़ होने से आदिवासी समाज में भारी आक्रोश है। कई संगठनों ने इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने दोषियों की जल्द से जल्द पहचान कर सख्त कानूनी कार्रवाई करने की भी मांग की है।
धनबाद में मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने की बढ़ती घटनाएं
धनबाद में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। स्थानीय प्रशासन को इस पर गंभीरता से विचार करना होगा और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने होंगे।
फिलहाल, प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है और जल्द ही उचित कदम उठाने की बात कही है। अब देखना यह होगा कि दोषियों को कब तक पकड़ा जाता है और प्रशासन इस मामले में क्या ठोस कार्रवाई करता है।