Ranchi: सोमवार दोपहर एक बड़ा हादसा टल गया जब पटना से रांची जा रही इंडिगो की फ्लाइट (6E6902) एक गिद्ध से टकरा गई। इस घटना के बाद विमान में मौजूद 180 यात्रियों की जान सांसत में आ गई। हादसे के बाद पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए रांची एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करवाई।
इंडिगो अधिकारियों के अनुसार, विमान 4,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहा था, जब यह पक्षी से टकराया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि विमान को क्षति पहुंची और उसे तुरंत नीचे लाना पड़ा। हादसे के वक्त विमान रांची से करीब 10 से 12 नॉटिकल माइल की दूरी पर था और उसकी ऊंचाई लगभग 3,000 से 4,000 फीट के बीच थी।
गिद्ध की टक्कर से दहशत में यात्री, 35 मिनट तक हवा में लगाए चक्कर
घटना के बाद विमान ने रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट के ऊपर करीब 35 मिनट तक चक्कर लगाए। पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क कर आपातकालीन लैंडिंग की अनुमति मांगी। इसके बाद विमान को सुरक्षित रूप से लैंड कराया गया।
एयरपोर्ट डायरेक्टर आरआर मौर्या ने बताया कि सभी यात्री सुरक्षित हैं और किसी को कोई चोट नहीं पहुंची है। विमान को मामूली नुकसान हुआ है और इंजीनियरिंग टीम इसकी जांच कर रही है। गिद्ध की टक्कर दोपहर 1:14 बजे के करीब हुई थी।
इंडिगो के इस विमान में 180 यात्री, 4 क्रू मेंबर और 2 पायलट सवार थे। विमान ने पटना से लगभग एक घंटे की देरी से उड़ान भरी थी। यात्रियों ने बताया कि लैंडिंग के समय विमान में जोरदार कंपन महसूस हुआ, जिससे लोग घबरा गए।
सुरक्षा व्यवस्था रही मुस्तैद, यात्रियों को सुरक्षित पहुंचाया गया टर्मिनल
जैसे ही विमान लैंड हुआ, रनवे पर अग्निशमन वाहन और सीआईएसएफ के जवानों की तैनाती की गई थी। यात्रियों को विमान से नीचे उतारने से पहले उद्घोषणा की गई कि वे अपनी सीटों पर बने रहें। विमान को बाद में टर्मिनल बिल्डिंग के पास ले जाया गया।
बिरसा मुंडा एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि यह विमान रांची से आगे कोलकाता जाने वाला था। लेकिन तकनीकी जांच के बाद ही यह तय होगा कि विमान फिर से उड़ान भरने के योग्य है या नहीं।
फिलहाल इंडिगो प्रबंधन ने यात्रियों को अन्य विकल्पों के माध्यम से गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की है। इस घटना ने एक बार फिर विमान उड़ानों के दौरान पक्षियों से टकराने की गंभीरता को उजागर कर दिया है।
निष्कर्ष
समय पर लिए गए पायलट के फैसले और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की तत्परता से 180 यात्रियों की जान बचाई जा सकी। यह घटना हवाई सुरक्षा व्यवस्था की चुनौतीपूर्ण प्रकृति और त्वरित निर्णय की महत्ता को दर्शाती है।