Ranchi: झारखंड सरकार ने नई उत्पाद नीति-2025 को मंजूरी देकर प्रदेश के शराब व्यापार में ऐतिहासिक परिवर्तन का संकेत दे दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में प्रोजेक्ट भवन, रांची में आयोजित राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह बड़ा निर्णय लिया गया। इस बैठक में कुल 17 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इन प्रस्तावों की जानकारी कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल ने साझा की, जबकि उत्पाद आयुक्त मनोज कुमार ने विशेष रूप से नई उत्पाद नीति की जानकारी प्रेस को दी।
इस नीति में शराब दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया, निजीकरण, पारदर्शिता, और राज्य के राजस्व को ध्यान में रखते हुए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।
नई उत्पाद नीति-2025: बदलाव की दिशा में एक बड़ा कदम
नई उत्पाद नीति-2025 के अंतर्गत राज्य सरकार ने शराब बिक्री में निजी भागीदारी को अनुमति दी है, जिससे राजस्व बढ़ाने और प्रणाली को पारदर्शी बनाने का प्रयास किया गया है।
उत्पाद नीति के प्रमुख बिंदु:
- राज्य की 1453 शराब दुकानें अब निजी हाथों को सौंपी जाएंगी।
- थोक बिक्री का अधिकार Jharkhand State Beverages Corporation Ltd. के पास रहेगा।
- रिटेल बिक्री के लिए निजी लोगों को मौका मिलेगा।
- लॉटरी प्रणाली से दुकानों का पारदर्शी आवंटन किया जाएगा।
- एक व्यक्ति अधिकतम 36 दुकानें ही रख सकता है।
- एक व्यक्ति को अधिकतम चार जिलों में दुकानें लेने की अनुमति।
शराब दुकानों का आवंटन कैसे होगा?
नई नीति के तहत दुकानें लॉटरी सिस्टम से आवंटित की जाएंगी, जिससे भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को रोका जा सकेगा।
महत्वपूर्ण नियम:
- एक व्यक्ति अधिकतम चार समूह ले सकता है।
- एक जिले में चार से अधिक दुकानें किसी को नहीं दी जाएंगी।
- जुलाई 2025 से पहले इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य है।
यह नीति राज्य में शराब व्यापार के क्षेत्र में सुधार, व्यवस्थित संचालन, और नवीन अवसरों के द्वार खोलेगी।
शराब व्यापारी संघ की प्रतिक्रिया: स्वागत और सहयोग का वादा
झारखंड शराब व्यापारी संघ ने सरकार की इस नई पहल का स्वागत किया है।
संघ के महासचिव सुबोध कुमार जयसवाल ने कहा:
“यह नीति राज्य के शराब कारोबार को अधिक पारदर्शी, नियंत्रित और व्यवस्थित बनाएगी।”
संघ के प्रदेश अध्यक्ष अचिंत्य शॉ ने भी इस निर्णय को “व्यापारियों के हितों की सुरक्षा” और “नई संभावनाओं की शुरुआत” बताया।
🔶 सरकार का लक्ष्य: समयबद्ध और निष्पक्ष क्रियान्वयन
सरकार ने साफ कर दिया है कि नई नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए लगभग 45 दिनों का समय लगेगा।
- जिला स्तर पर दुकानों का आवंटन संबंधित आयुक्तों द्वारा किया जाएगा।
- सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद जुलाई से पहले निजीकरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
नई नीति से क्या होंगे लाभ?
लाभ | विवरण |
---|---|
राजस्व वृद्धि | शराब की बिक्री में पारदर्शिता आने से टैक्स वसूली बढ़ेगी |
निजी निवेश को बढ़ावा | स्थानीय लोगों को व्यापार का अवसर मिलेगा |
बेरोजगारी में कमी | नई दुकानों से रोजगार सृजन होगा |
प्रणाली में पारदर्शिता | लॉटरी प्रणाली से भ्रष्टाचार पर रोक |
झारखंड की नई उत्पाद नीति-2025 और आर्थिक विकास
यह नीति केवल शराब कारोबार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव राज्य की आर्थिक स्थिति, बेरोजगारी, और उद्योगिकरण पर भी पड़ेगा।
- राजस्व में वृद्धि से सरकार अधिक सामाजिक योजनाएं लागू कर सकेगी।
- निजी क्षेत्र के विस्तार से MSME सेक्टर को बल मिलेगा।
- राज्य में व्यवस्थित शराब नीति से अवैध व्यापार पर अंकुश लगेगा।
पारदर्शी प्रक्रिया से जनविश्वास मजबूत
नई नीति में लॉटरी आधारित दुकान आवंटन, नियंत्रण सीमाएं, और जिला स्तर पर पारदर्शिता जैसी विशेषताएं हैं जो आम जनता में भरोसा कायम करेंगी।
इससे पहले अक्सर शराब दुकानों के आवंटन में भ्रष्टाचार और राजनीतिक हस्तक्षेप की शिकायतें आती थीं, लेकिन अब ऑनलाइन लॉटरी प्रणाली से यह प्रक्रिया अधिक ईमानदार और निष्पक्ष बन जाएगी।
🔷 नीति में चुनौतियां और सुधार की संभावनाएं
जहां एक ओर यह नीति सकारात्मक परिवर्तन का संकेत देती है, वहीं इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कुछ चुनौतियां भी हैं:
- आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना।
- शराब माफिया और बिचौलियों की भूमिका समाप्त करना।
- ग्रामीण इलाकों में अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाना।
इन चुनौतियों का समाधान यदि नीतिगत ढांचे में शामिल किया जाए, तो यह नीति झारखंड के शराब व्यापार के लिए मॉडल नीति बन सकती है।
नई उत्पाद नीति-2025 न केवल झारखंड के शराब व्यापार को संविधानिक और पारदर्शी बनाएगी, बल्कि यह राज्य के आर्थिक विकास, रोजगार सृजन, और राजस्व वृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
राज्य मंत्रिपरिषद के इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार झारखंड में व्यवस्थित और उत्तरदायी शासन की दिशा में गंभीर है। यदि यह नीति समयबद्ध, ईमानदारीपूर्वक और जनसहयोग के साथ लागू होती है, तो यह झारखंड की छवि को नई ऊँचाइयों तक ले जा सकती है।