Ranchi: बालू ढुलाई की यह तस्वीर लोकल खबर के एक रीडर ने भेजी है. इमेज स्मार्टफोन के जीपीएस टैग के साथ है. ऐसे में आप देख सकते हैं कि यह तस्वीर कहां की है और कब की है. तस्वीर की वास्तविकता पर संदेह नहीं किया जा सकता है.
तस्वीर के साथ जो लोकेशन बताया जा रहा है उसके मुताबिक यह फोटो स्कूल रोड सिंहपुर का है. यह सिल्ली में है. पिनकोड 835101 है. तस्वीर क्लिक करने का समय और तारीख भी दिख रहा है. यह तस्वीर 30 मई 2023 सुबह 8 बजकर 32 मिनट की है.
तस्वीर में आप देख सकते हैं कि एक हाईवा (JH-01-BX 2452) दुर्घनाग्रस्त प्रतीत हो रहा है.
तस्वीर भेजने वाले सूत्र ने हमें बताया कि सिल्ली विधानसभा के बुढ़ाम के समीप रात के अंधेरे में सोना जैसा बालू चोरी करके हमारे सोनाहातू से लेकर जा रहे दो हाईवा आपस में भिड़े. लेकिन अभी तक कोई प्रशासन को खबर नहीं है.

बीजेपी के विनोद साहू ने बयान जारी करते हुए कहा है कि यही अगर कोई ग्रामीण गाड़ी वालो से पूछताछ करता है तो प्रशासन उस ग्रामीणों को उठाकर हवालात में डाल देती है. अगर प्रशासन उतना ही जानता का सेवक है और अपना ड्यूटी पूरी ईमानदारी से निभाती है ये दोनो गाड़ी को जब्त करे. दोनो से पूछताछ करे की आखिर जब यहां बालू घाट का टेंडर हुआ नही है तो बालू ले कर कैसे जा रहा है. ये तो राजस्व का चोरी है जो एक कानून अपराध है. ऐसे अपराधी को पकड़ कर कानून कारवाही की जाए. ये वीडियो हमारे DC तक पहुंचा दिया जाये.
झारखंड में ज्यादातर बालू उठाव बिना टेंडर के
झारखंड के 608 बालू घाटों में से सिर्फ 17 घाटों से ही वैध तरीके से बालू का उठाव हो रहा है. इसलिए प्रेदश में ऐसी स्थिति बनी है. रांची सहित राज्य के अधिकतर जिलों में एक भी घाट की बंदोबस्ती न होने से पिछले पांच सालों से बिना टेंडर के ही बालू का खनन और परिवहन हो रहा है.
जानकारी के अनुसार अब 10 जून से फिर बालू खनन पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक लगाएगी. इससे फिर बालू को लेकर बवाल होना तय माना जाना रहा है. ऐस में लोगों को मुंहमांगी कीमत पर बालू खरीदना होगा.
बालू उत्खनन पर एनजीटी की रोक लग जाएगी. बालू की किल्लत की वजह से रियल इस्टेट सेक्टर तो पहले से प्रभावित है. साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी और ग्रामीण के तहत बनने वाले घरों का निर्माण भी धीमा हो गया है. क्योंकि, इस योजना के लाभुकों को 3000 रुपये प्रति टबों (140 सीएफटी) में मिलने वाला बालू 4,500 रुपए में खरीदना पड़ रहा है.
स्मार्ट सिटी की योजनाएं और लाइट हाउस की रफ्तार धीमी पड़ गईं है. इसके अलावा शहरों में 200 से अधिक पीसीसी रोड, नाली निर्माण पर भी असर पड़ेगा.
जानकारी के अनुसार, रांची सहित राज्यभर में अवैध बालू का खेल धड़ल्ले से चल रहा है. बालू कारोबारियों के अनुसार राज्यभर में रोजाना 700 से 800 हाईवा अवैध बालू की खरीद-बिक्री होती है. औसतन 28,000 रुपए प्रति हाईवा की दर से बालू की बिक्री होती है तो भी प्रति माह करीब 60 करोड़ रुपये का अवैध धंधा चल रहा है.