Ganga Dussehra 2023: गंगा नदी केवल शुचिता ही नहीं देती है, बल्कि भारत के सार को संजोती है. भक्त इस पवित्र नदी से समृद्धि का आशीर्वाद मांगते हैं. गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) के दौरान गंगा की लहरों पर कई दीये रोशन होते हैं, जिससे शांति और उदारता का अहसास होता है. यह त्यौहार बड़े ही उत्साह और जोश के साथ उन विभिन्न राज्यों में खुशी से मनाया जाता है, जहाँ गंगा बहती है.
गंगा दशहरा के अवसर पर एण्डटीवी के कलाकार नेहा जोशी (यशोदा, ‘दूसरी माँ’), योगेश त्रिपाठी (दरोगा हप्पू सिंह, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और विदिशा श्रीवास्तव (अनीता भाबी, ‘भाबीजी घर पर हैं’) इस त्यौहार के महत्व और रिवाजों के बारे में बात कर रहे हैं.
नेहा जोशी ने बताया गंगा दशहरा का अनुभव अद्भुत
एण्डटीवी के शो ‘दूसरी माँ‘ में यशोदा का किरदार निभा रहीं नेहा जोशी ने कहा, ‘‘गंगा दशहरा को गंगावतरण भी कहा जाता है और यह पवित्र गंगा के स्वर्ग से धरती पर उतरने की याद दिलाता है.
यह त्यौहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तराखण्ड में मनाया जाता है. श्रद्धालु गंगा के तटों पर आते हैं, पवित्र रिवाज निभाते हैं और गंगा की आरती करते हैं. माना जाता है कि इस शुभ दिन गंगा के पानी में डुबकी लगाने से आत्मा शुद्ध हो जाती है और शरीर के रोग दूर हो जाते हैं.
नेहा जोशी ने कहा कि मुझे हाल ही में एक प्रस्तुति के लिये ऋषिकेश जाने का मौका मिला था और मैं गंगाजी की अनुपम सुंदरता देखती रह गई. लगा कि एक सपना पूरा हुआ, जब मैंने पहली बार मंत्रमुग्ध करने वाली गंगा आरती देखी, एक दीया जलाया और उसे दैवीय नदी में बहाया. हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे पवित्र शहरों में शूटिंग करने से मुझे बड़ी खुशी मिली.
उन्होने बताया कि कई स्थानीय लोगों ने उस भव्यता की कहानियाँ सुनाई, जिसके साथ वहाँ त्यौहार मनाया जाता है. मैं ऐसे वक्त फिर से उन जगहों पर जाना चाहती हूँ, त्यौहार के उत्साह में खो जाना चाहती हूँ और उसके असली सार का अनुभव लेना चाहती हूँ.’’

गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम प्रयाग
योगेश त्रिपाठी ऊर्फ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह ने कहा, ‘‘गंगा दशहरा उन दस पवित्र वैदिक गुणों का उत्सव है, जो विचारों, शब्दों और कर्मों से जुड़े दस पापों को दूर कर देने की गंगा की क्षमता के प्रतीक हैं. जैसा कि मेरी माँ हमेशा कहती हैं, भक्तों को सुख और मुक्ति मिलती है.
योगेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश का होने के कारण मैं मानव अस्तित्व और आध्यात्मिक जागरूकता के लिये गंगा के महत्व को गहराई से समझता हूँ. भव्य हिमालय में गंगोत्री के बर्फ से ढंके शिखरों से निकलने वाली यह नदी शालीनता के साथ बहती है और बंगाल की खाड़ी में मिलने से पहले उत्तर प्रदेश और बिहार के गर्म घाटों से गुजरती है.
उन्होंने कहा कि प्रयागराज में गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम प्रयाग कहलाता है, जोकि श्रेष्ठता का एक पवित्र आश्रय है. रोशनी और फूलों से सजी, जगमगाती नावों के साथ नदी के किनारों पर शानदार आरती समारोह देखना सूर्यास्त के समय का एक दैवीय अनुभव होता है. सचमुच एक सुखद अनुभव मिलता है, जो इस पवित्र नदी की शाश्वत सुंदरता के साथ गूंजता है.’’
गंगा में दस पवित्र डुबकियाँ लगाने की परंपरा
‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अनीता भाबी का किरदार निभा रहीं विदिशा श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘श्रद्धालु सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिये पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं. मैं अपने बचपन में गंगा के शांत घाटों के पास बड़ी खुशी से खेलती थी और मैंने त्यौहार के दौरान उसके बहते पानी में अनगिनत दीयों का मोहक दृश्य देखा है. यह खूबसूरत रिवाज शांति और अच्छाई पाने का प्रतीक है.
विदिशा ने कहा कि साल के इस वक्त दुनियाभर के लोग वाराणसी में आते हैं, ताकि पवित्र नदी में नहाकर शुद्धता प्राप्त कर सकें. इसके अलावा, मेरी माँ ने हमेशा दस गुना चढ़ावे की परंपरा में आस्था रखी है. चाहे फूल हों, सुगंध, दीये, हव्य, पान के पत्ते या फल, वह दस पर जोर देती थीं. गंगा में दस पवित्र डुबकियाँ लगाने की परंपरा भी है. मेरे परिवार में इस शुभ दिन का बड़ा महत्व रहा है, चाहे कीमती संपत्ति लेना हो, नये वाहन खरीदना हो या नये घर में प्रवेश करना हो. मैं इस साल वहाँ जाना चाहती हूँ और उन यादगार अनुभवों को दोबारा जीना चाहती हूँ.’’