Raghubar Das BJP Jharkhand News: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की भारतीय जनता पार्टी में वापसी ने झारखंड की राजनीति में नई हलचल मचा दी है। हालांकि, उनके सदस्यता ग्रहण समारोह से कई बड़े नेता दूर रहे, जिससे पार्टी के भीतर और बाहर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।
रघुवर दास का सदस्यता ग्रहण समारोह और नेताओं की गैरमौजूदगी
रघुवर दास के सदस्यता ग्रहण समारोह में पार्टी के कई बड़े चेहरे नदारद रहे। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, चंपाई सोरेन, सांसद दीपक प्रकाश, विधायक सीता सोरेन, गीता कोड़ा, सुदर्शन भगत, और समीर उरांव शामिल हैं। यह गैरमौजूदगी पार्टी के अंदरूनी समीकरणों और मतभेदों को उजागर करती है।
हालांकि, रघुवर दास के साथ काम कर चुके कुछ वरिष्ठ नेता, जैसे कि केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, राज्यसभा सांसद आदित्य साहू, और विधायक सीपी सिंह, इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
रघुवर दास की वापसी और राजनीतिक चर्चा
रघुवर दास ने झारखंड की राजनीति में फिर से प्रवेश कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। उनकी वापसी पर उनके समर्थकों में उत्साह है। समर्थकों का मानना है कि उनके आने से पार्टी को मजबूती मिलेगी। लेकिन आलोचकों की राय अलग है।
2019 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री रहते हुए रघुवर दास को हार का सामना करना पड़ा था। उस समय पार्टी को केवल 18 सीटें मिली थीं, जो बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका था। इसलिए, उनकी वापसी को लेकर उम्मीदें और संदेह दोनों समान रूप से व्यक्त किए जा रहे हैं।
बीजेपी में रघुवर दास की भूमिका
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा का कहना है कि अभी रघुवर दास ने सिर्फ पार्टी की सदस्यता ली है। उनकी संगठन में क्या भूमिका होगी, यह समय के साथ तय होगा।
रघुवर दास ने पार्टी के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए कहा है कि वह एक बार फिर फिट और फाइटिंग बीजेपी बनाने में अपनी पूरी ताकत लगाएंगे।
फिट एंड फाइटिंग बीजेपी की रणनीति
सक्रिय राजनीति में वापसी के बाद रघुवर दास ने पार्टी को पुनर्गठित करने और मजबूत करने का संकल्प लिया है। उन्होंने बीजेपी कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि कार्यकर्ता संगठन को धारदार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे।
रघुवर दास का मानना है कि 1984 में केवल दो सांसदों से शुरू हुई बीजेपी आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि अतीत से सबक लेकर, पार्टी भविष्य की रणनीति तैयार करेगी।
2019 की हार से सबक
2019 का विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए एक सबक था। रघुवर दास का कहना है कि अतीत की हार को भूलकर भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे जनता का विश्वास दोबारा जीतने के लिए तैयार हो जाएं।
रघुवर दास: पार्टी के एम्बेसडर
रघुवर दास ने खुद को पार्टी का एम्बेसडर बताया। उनके अनुसार, बीजेपी का हर कार्यकर्ता पार्टी और जनता के बीच एक मजबूत कड़ी है। उन्होंने 2024 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया।
पार्टी के लिए संभावित चुनौतियां
हालांकि, रघुवर दास की वापसी पार्टी के लिए सकारात्मक हो सकती है, लेकिन कुछ चुनौतियां भी हैं:
- पार्टी के अंदरूनी मतभेद: कई बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी पार्टी में मतभेदों का संकेत देती है।
- जनता का विश्वास जीतना: 2019 की हार से पार्टी की छवि को जो नुकसान हुआ है, उसे सुधारना एक बड़ी चुनौती होगी।
- नए और पुराने नेताओं का तालमेल: पार्टी को नए और पुराने नेताओं के बीच सामंजस्य बिठाने की आवश्यकता है।
रघुवर दास के समर्थकों की प्रतिक्रिया
रघुवर दास के समर्थक उनकी वापसी को झारखंड की राजनीति के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं। उनका कहना है कि रघुवर दास की नेतृत्व क्षमता पार्टी को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकती है।
रघुवर दास की बीजेपी में वापसी झारखंड की राजनीति के लिए एक बड़ा घटनाक्रम है। उनकी वापसी से पार्टी के भीतर नई ऊर्जा आई है, लेकिन कई सवाल और चुनौतियां भी सामने हैं। उनकी भूमिका और प्रदर्शन आने वाले समय में पार्टी की दिशा तय करेंगे।