स्मार्ट मीटर लगाने पर गरमाया पिठौरिया, ग्रामसभा की मंजूरी से पहले विरोध

स्मार्ट मीटर लगाने पर गरमाया पिठौरिया, ग्रामसभा की मंजूरी से पहले विरोध

Ranchi: पिठौरिया में स्मार्ट मीटर लगाए जाने की योजना को लेकर स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों के बीच असंतोष उभरकर सामने आया है। इस मुद्दे को लेकर हाल ही में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें पिठौरिया पंचायत क्षेत्र के प्रमुख प्रतिनिधि और सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में बिना ग्रामसभा की स्वीकृति के स्मार्ट मीटर लगाए जाने का कड़ा विरोध जताया।

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जब तक ग्रामसभा से विधिवत प्रस्ताव पारित नहीं होता, तब तक किसी भी ग्रामीण के घर में स्मार्ट मीटर नहीं लगाया जाएगा। उपस्थित जनप्रतिनिधियों ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी एनजीओ या एजेंसी के दबाव में आकर अपने घरों में स्मार्ट मीटर न लगवाएं।

आधार कार्ड व दस्तावेज के नाम पर धोखाधड़ी की आशंका

जनप्रतिनिधियों ने यह भी चिंता जताई कि कुछ एजेंसियां या तथाकथित एनजीओ स्मार्ट मीटर के नाम पर लोगों से आधार कार्ड व अन्य निजी दस्तावेज लेकर संभावित फ्रॉड को अंजाम दे रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए, जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील की और स्पष्ट कहा कि किसी भी दस्तावेज को बिना पुष्टि के साझा न करें।

बैठक में उपस्थित मुखिया मुन्नी देवी, उपमुखिया रामलगन महली, पंचायत समिति सदस्य श्रवण गोप, ग्राम प्रधान रामलगन मुंडा, वार्ड सदस्य मोनी देवी, गोपाल महतो, प्रसिद्ध बैठा और कैलाश नायक समेत अनेक लोगों ने इस मुद्दे पर गंभीर चिंता जताई।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार की योजनाएं बिना पारदर्शिता और स्थानीय सहभागिता के लागू की जाती हैं, तो इसका लाभ कम और नुकसान अधिक होता है। इसलिए पंचायत स्तर पर ग्रामसभा से स्वीकृति लेना अनिवार्य है।

स्थानीय स्वशासन के अधिकारों की अनदेखी

ग्रामीणों का मानना है कि स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया में स्थानीय प्रशासन और पंचायत की भागीदारी को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ ग्राम सभा की स्वायत्तता का उल्लंघन है, बल्कि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया की भी अनदेखी है।

पंचायत प्रतिनिधियों ने साफ किया कि वे जनता के हक की रक्षा के लिए खड़े हैं और बिना मंजूरी कोई भी कार्य नहीं होने देंगे। उन्होंने संबंधित विभागों से भी अपील की कि वे ग्रामीणों की भावनाओं का सम्मान करें और नियमों के तहत ही आगे की कार्रवाई करें।

पिठौरिया में इस विरोध ने अब एक बड़ा रूप ले लिया है, और यदि प्रशासन ने ग्रामीणों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले दिनों में यह आंदोलन और तेज हो सकता है।

Subhash Shekhar

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