रांची: झारखंड के डुमरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के अध्यक्ष विधायक जयराम महतो को Z श्रेणी की सुरक्षा देने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि महतो की जान को गंभीर खतरा है, और उनकी सुरक्षा अब प्राथमिकता होनी चाहिए।
रविवार को JLKM का एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मिला और उन्हें इस संबंध में एक औपचारिक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि विधायक को कई बार जान से मारने की धमकी दी गई है और हाल के दिनों में कुछ संदिग्ध घटनाएं भी सामने आई हैं।
राजनेता जो नहीं डरते, उन्हें सुरक्षा की दरकार
JLKM के केंद्रीय सचिव राजदेश रतन ने बताया कि विधायक महतो लगातार जनता के हितों की लड़ाई लड़ते आए हैं। वे भ्रष्टाचार, आदिवासियों, किसानों और मजदूरों के मुद्दों को बिना डरे उठाते रहे हैं। उनका यह सख्त और निष्पक्ष राजनीतिक रुख कई प्रभावशाली लोगों को खटकता है।
रतन ने कहा, “ऐसे प्रभावशाली और असामाजिक तत्व लगातार विधायक को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रहे हैं। हम यह मांग करते हैं कि उन्हें Z श्रेणी की सुरक्षा मिले, ताकि वे बिना किसी डर के अपने जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी निभा सकें।”
पार्टी ने यह भी बताया कि विधायक पर पहले भी जानलेवा हमले हो चुके हैं। यह घटनाएं महज संयोग नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक आवाज को दबाने का प्रयास हैं।
Z श्रेणी सुरक्षा: क्या है इसका मतलब
Z श्रेणी की सुरक्षा उन लोगों को दी जाती है जिन्हें उच्च स्तर का खतरा हो। इसमें 22 से 25 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं, जिसमें एनएसजी या सीआरपीएफ के जवान भी हो सकते हैं। JLKM का मानना है कि जयराम महतो की स्थिति इस श्रेणी में आने लायक है।
इससे पहले पार्टी की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र भेजा गया था। लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला। इसलिए अब राज्यपाल से गुहार लगाई गई है कि वे इस मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय तक प्रभावी रूप से पहुंचाएं।
जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा ही लोकतंत्र की रक्षा है
राजदेश रतन ने स्पष्ट कहा कि यह केवल जयराम महतो की सुरक्षा का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों की आवाज को सुरक्षित रखने की मांग है। “अगर हमारे नेताओं की सुरक्षा ही सुनिश्चित नहीं होगी, तो वे जनता के मुद्दों को कैसे उठा पाएंगे?” – उन्होंने सवाल उठाया।
JLKM ने राज्यपाल से इस विषय में शीघ्र हस्तक्षेप करने की अपील की है और उम्मीद जताई है कि राज्यपाल केंद्र को उचित कार्रवाई के लिए निर्देश देंगे। पार्टी ने साफ किया कि यह सिर्फ एक सुरक्षा का विषय नहीं, बल्कि लोकतंत्र की गरिमा और असहमति की आवाज को बचाने की लड़ाई है।