रांची। झारखंड मौसम में इस सप्ताह भारी उथल-पुथल की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में वज्रपात, तेज हवाओं और भारी बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। आने वाले दिनों में अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग तरह की मौसमी घटनाएं देखने को मिलेंगी।
राज्य के अधिकांश हिस्सों में प्री-मानसून की हलचल शुरू हो चुकी है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची की मानें तो 27 और 28 मई को राज्य के कुछ हिस्सों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी और कई जगहों पर बिजली गिरने की भी संभावना है।
29 और 30 मई को झारखंड के 14 जिलों में भारी वर्षा की संभावना
29 मई को राज्य के दक्षिणी हिस्सों में मौसम का मिजाज और भी ज्यादा बिगड़ सकता है। पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां, कोडरमा, लातेहार और लोहरदगा जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। इन क्षेत्रों में भी बिजली गिरने की संभावना को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।
इसके अगले दिन, 30 मई को झारखंड के मध्य और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में तेज बारिश की संभावना है। इसमें रांची, रामगढ़, हजारीबाग, गुमला, बोकारो, खूंटी, और देवघर, दुमका, गोड्डा, पाकुड़, जामताड़ा, धनबाद, गिरिडीह, साहिबगंज जैसे जिले शामिल हैं। यहां भी यलो अलर्ट लागू किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार इन इलाकों में मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा संभव है। लोगों को सावधानी बरतने और बिना जरूरत के घर से बाहर न निकलने की सलाह दी गई है।
तापमान स्थिर, लेकिन मौसमी घटनाओं में तेजी
मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने जानकारी दी कि अगले पांच दिनों के दौरान राज्य के तापमान में खास बदलाव की संभावना नहीं है। हालांकि, मेघगर्जन और वज्रपात की गतिविधियां लगातार बनी रहेंगी।
पिछले 24 घंटों में भी झारखंड के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा 60 मिमी वर्षा पश्चिमी सिंहभूम के चक्रधरपुर में रिकॉर्ड की गई। वहीं, सबसे अधिक तापमान सरायकेला में 37.3 डिग्री सेल्सियस और सबसे कम न्यूनतम तापमान लातेहार में 21.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
राजधानी रांची में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 23.4 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने लोगों को संभावित वज्रपात और तेज हवाओं से सतर्क रहने की अपील की है।
झारखंडवासियों को सतर्क रहने की सलाह
आने वाले दिनों में झारखंड मौसम और भी ज्यादा सक्रिय रहने वाला है। ऐसे में लोगों को मौसम विभाग के अलर्ट का पालन करना होगा। विशेषकर खुले स्थानों, पेड़ों के नीचे और ऊंची जगहों पर जाने से बचने की सलाह दी गई है।
बिजली गिरने की घटनाएं जानलेवा हो सकती हैं, इसलिए राज्य प्रशासन ने आपदा प्रबंधन दलों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। सभी जिलों में संबंधित विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
झारखंड में मानसून पूर्व की यह हलचल इस बात का संकेत है कि आने वाला मौसम चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ऐसे में सावधानी ही सुरक्षा की सबसे बड़ी कुंजी है।