मंईयां सम्मान योजना में फर्जीवाड़ा, राशि वापसी का निर्देश

मंईयां सम्मान योजना में फर्जीवाड़ा, राशि वापसी का निर्देश

मंईयां सम्मान योजना: झारखंड की बहुचर्चित मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना एक बार फिर विवादों में है। शनिवार को गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत ईटागढ़, मुड़िया और दुग्धा पंचायत सचिवालयों में विशेष शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों में योजना के लाभुकों की जांच की गई, जिसमें कई ऐसे लोग लाभ लेते पाए गए, जो योजना के मानकों के अनुसार पात्र नहीं हैं।

जांच के दौरान खासतौर पर कई वार्ड सदस्यों को लाभुक के तौर पर चिह्नित किया गया। नियमों के अनुसार, जनप्रतिनिधियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए। इन्हें अयोग्य करार देते हुए विभाग ने तत्काल प्रभाव से योजना की राशि लौटाने का निर्देश दिया है। यदि निर्धारित समय सीमा में राशि वापस नहीं की गई, तो विभाग कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दे चुका है।

भाजपा ने उठाई योजना में घुसपैठियों की जांच की मांग

पूर्वी सिंहभूम जिले में योजना को लेकर और भी गंभीर आरोप सामने आए हैं। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिनेशानंद गोस्वामी ने जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर शिकायत की है कि घाटशिला और गुड़ाबांदा जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में मुस्लिम महिलाओं के नाम इस योजना में दर्ज हैं, जबकि इन पंचायतों में मुस्लिम समुदाय के परिवार मौजूद नहीं हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि चाकुलिया प्रखंड में फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों के जरिए घुसपैठियों ने योजना में नाम दर्ज कराया है। गोस्वामी ने दावा किया कि बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड की कल्याणकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठा रहे हैं और स्थानीय गरीब महिलाओं का हक मार रहे हैं। उन्होंने कोल्हान प्रमंडल में अवैध घुसपैठ पर गंभीर चिंता जताई और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की।

आधार लिंक खाता अनिवार्य: लोहरदगा प्रशासन की अपील

वहीं लोहरदगा से आई जानकारी के अनुसार, मंईयां सम्मान योजना की राशि अब केवल उन्हीं लाभुकों के खातों में भेजी जाएगी, जो आधार से जुड़े होंगे। सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक प्रमोद कुमार दास ने बताया कि विभागीय निर्देश के तहत योजना की राशि सीधे आधार सीडेड खातों में ट्रांसफर की जा रही है।

इसलिए ऐसे लाभुक जिन्होंने अभी तक अपने बैंक खाते को आधार से लिंक नहीं कराया है, उन्हें जल्द से जल्द अपने नजदीकी बैंक जाकर यह प्रक्रिया पूरी करने की अपील की गई है। आधार लिंकिंग न होने पर योजना की राशि रोक दी जाएगी।

निष्कर्ष: पारदर्शिता बनाना सबसे बड़ी चुनौती

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का उद्देश्य राज्य की महिलाओं को सामाजिक सम्मान और आर्थिक सहायता देना है, लेकिन फर्जीवाड़ा और पात्रता नियमों की अनदेखी योजना की साख को नुकसान पहुंचा रही है। विभाग की सख्ती और विपक्ष की सक्रियता के बावजूद योजना को पारदर्शी बनाना अब एक बड़ी प्रशासनिक चुनौती बन गई है।

Subhash Shekhar

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