आजसू छात्र संघ का राज्यपाल से हस्तक्षेप का आग्रह

आजसू छात्र संघ का राज्यपाल से हस्तक्षेप का आग्रह

Ranchi: राज्यपाल संतोष गंगवार ने आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्गों की लंबित पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। गुरुवार को आजसू छात्र संघ के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन पहुंचकर महामहिम को ज्ञापन सौंपा और छात्रवृत्ति भुगतान शीघ्र कराने का अनुरोध किया। छात्रों ने बताया कि भुगतान नहीं होने से गरीब परिवारों के विद्यार्थी आर्थिक संकट में हैं और पढ़ाई के साथ पार्ट-टाइम नौकरियों का सहारा लेने को मजबूर हो रहे हैं।

प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान राज्यपाल ने पूरी बात धैर्यपूर्वक सुनी और समस्या के समाधान के लिए संबंधित विभाग से रिपोर्ट मांगने का भरोसा दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि छात्रों की परेशानी को प्राथमिकता देते हुए शीघ्र पहल की जाएगी ताकि पात्र विद्यार्थियों को उनका हक मिल सके।

छात्रवृत्ति में देरी से छात्रों की बढ़ी परेशानी

आजसू छात्र संघ के नेताओं ने राज्यपाल को बताया कि छात्रवृत्ति भुगतान नहीं होने से आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग के हजारों छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। कई छात्र किराया, फीस और अन्य शैक्षणिक खर्चों को पूरा करने में असमर्थ हैं। आर्थिक तंगी के कारण कुछ छात्रों की पढ़ाई छोड़ने की नौबत आ गई है। संगठन ने कहा कि छात्रवृत्ति उनके लिए शिक्षा का आधार है और इसके बिना पढ़ाई जारी रखना बेहद कठिन हो जाता है।

प्रमुख छात्र नेताओं में प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष बबलू महतो, वरीय उपाध्यक्ष ऋतुराज शाहदेव, पीयूष चौधरी, राजकिशोर महतो और प्रताप सिंह शामिल थे। सभी ने एक स्वर में कहा कि छात्र हित सर्वोपरि हैं और सरकार को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।

जनाक्रोश मार्च के बाद हुई मुलाकात

विदित हो कि छात्रवृत्ति भुगतान में लगातार देरी को लेकर आजसू छात्र संघ लंबे समय से आंदोलनरत है। हाल ही में संगठन ने “शिक्षा के लिए भिक्षा : जनाक्रोश मार्च” के माध्यम से राजभवन के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया था। उस दौरान राज्यपाल राज्य से बाहर होने के कारण ज्ञापन नहीं ले सके थे। इसके बाद आजसू के अनुरोध पर गुरुवार को मुलाकात का समय सुनिश्चित किया गया।

आजसू प्रतिनिधियों ने उम्मीद जताई कि राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद सरकार जल्द ही लंबित छात्रवृत्तियों का भुगतान करेगी। छात्रों ने कहा कि यह मुद्दा केवल आर्थिक सहायता का नहीं, बल्कि गरीब एवं पिछड़े तबकों की शिक्षा से सीधे जुड़ा मसला है। यदि समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिली तो बड़ी संख्या में छात्र पढ़ाई छोड़ने को विवश हो जाएंगे।

राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि समस्या गंभीर है और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए तत्काल कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों से पूरी जानकारी ली जाएगी और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर राहत सुनिश्चित की जाएगी।

इस मुलाकात से छात्रों में नई उम्मीद जगी है कि जल्द ही उनकी आर्थिक परेशानियां कम होंगी और वे बिना रुकावट अपनी शिक्षा जारी रख सकेंगे।

Subhash Shekhar

एक अनुभवी डिजिटल पत्रकार, कंटेंट स्ट्रैटेजिस्ट और SEO-फोकस्ड न्यूज़ राइटर हैं। वे झारखंड और बिहार से जुड़े राजनीति, प्रशासन, सामाजिक मुद्दों, शिक्षा, स्वास्थ्य और करंट अफेयर्स पर तथ्यपरक और भरोसेमंद रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं।

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