Waqf Amendment Bill: वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति ने सोमवार को NDA सदस्यों द्वारा प्रस्तावित 14 संशोधनों को मंजूरी दी और विपक्ष के 44 संशोधनों को खारिज कर दिया। यह कदम विधेयक को और प्रभावी बनाने और गरीब तथा पसमान्दा मुसलमानों के लिए लाभकारी साबित करने की दिशा में उठाया गया है।
विधेयक के संशोधनों की प्रक्रिया पर समिति की चर्चा
समिति की अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने बैठक के बाद स्पष्ट किया कि सभी संशोधनों पर लोकतांत्रिक तरीके से विचार किया गया। उन्होंने बताया, “हमने प्रत्येक संशोधन को पढ़ा और मतदान के आधार पर निर्णय लिया। NDA के 16 सदस्यों के समर्थन के चलते विपक्ष के केवल 10 सदस्यों द्वारा समर्थित संशोधनों को खारिज कर दिया गया।”
#WATCH | Delhi | On JPC meeting on Waqf bill, JPC Member & BJP MP Sanjay Jaiswal says, "All MPs follow the guidelines of the Lok Sabha… It was decided that this bill will be presented with all the amendments and for this the 7th consecutive meeting is being held… Today there… pic.twitter.com/gDqkb2l3RK
— ANI (@ANI) January 27, 2025
समिति में NDA और विपक्ष के सदस्यों का प्रतिनिधित्व
- वक्फ पैनल में कुल 31 सदस्य हैं।
- NDA: 16 सदस्य (12 सदस्य बीजेपी से)
- विपक्ष: 13 सदस्य
- YSR कांग्रेस पार्टी से 1 सदस्य
- 1 नामांकित सदस्य
स्वीकृत संशोधन और उनके प्रभाव
1. राज्य सरकार को अधिकार देना
पहले वक्फ संपत्तियों के विवादों के मामले में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार कलेक्टर को दिया गया था। अब संशोधन के अनुसार यह अधिकार राज्य सरकार द्वारा नियुक्त आयुक्त या सचिव को दिया जाएगा।
2. वक्फ बोर्ड की संरचना में बदलाव
नए प्रस्ताव के तहत वक्फ बोर्ड में अब तीन सदस्य होंगे, जिनमें एक इस्लामी विद्वान भी शामिल होगा। यह कदम बोर्ड के निर्णयों को अधिक विविधतापूर्ण और पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है।
3. पोर्टल पर संपत्ति प्रविष्टियों की समयसीमा में विस्तार
पहले वक्फ संपत्तियों को पोर्टल पर दर्ज करने के लिए 6 महीने का समय दिया गया था। अब इस समय सीमा को बढ़ाया गया है, जिससे संबंधित पक्षों को अधिक समय मिलेगा।
#WATCH | After the meeting of the JPC on Waqf (Amendment) Bill, 2024, its Chairman BJP MP Jagdambika Pal says, "…44 amendments were discussed. After detailed discussions over the course of 6 months, we sought amendments from all members. This was our final meeting… So, 14… pic.twitter.com/LEcFXr8ENP
— ANI (@ANI) January 27, 2025
विपक्ष के खारिज किए गए संशोधन
44 संशोधन खारिज क्यों हुए?
विपक्ष ने वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों और गैर-मुस्लिम सीईओ को शामिल करने जैसे प्रस्तावों का विरोध किया। साथ ही, वक्फ संपत्तियों के मामलों में कलेक्टर के अधिकार को लेकर भी आपत्ति जताई गई। हालांकि, इन प्रस्तावों को बहुमत के आधार पर खारिज कर दिया गया।
प्रमुख बिंदु जहां असहमति रही
- वक्फ बोर्ड में कम से कम दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करना।
- वक्फ संपत्तियों की जांच और निर्णय लेने का अधिकार वक्फ ट्रिब्यूनल के बजाय कलेक्टर को देना।
#WATCH | After the meeting of the JPC on Waqf (Amendment) Bill, 2024, one of its members – TMC MP Kalyan Banerjee says, "Today, they did whatever they had fixed. They didn't allow us to speak. No rules or procedures have been followed. Initially, we had asked for documents,… pic.twitter.com/KwM7ndmdll
— ANI (@ANI) January 27, 2025
विधेयक का उद्देश्य और प्रभाव
गरीब और पसमान्दा मुसलमानों को लाभ
यह विधेयक गरीब और पसमान्दा मुसलमानों को लक्षित कर उनके उत्थान के लिए वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और विवादों के समाधान को प्रभावी बनाने का प्रयास करता है।
विधेयक के प्रावधान
- वक्फ संपत्तियों के विवादों में सरकारी भूमि की पहचान के लिए कलेक्टर की भूमिका।
- वक्फ बोर्डों में विविधता लाने के लिए गैर-मुस्लिम सदस्यों का समावेश।
- संपत्तियों की जानकारी को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराने के लिए पोर्टल का उपयोग।
विपक्ष के आरोप और तर्क
विपक्ष का कहना है कि विधेयक पक्षपातपूर्ण है
विपक्ष ने विधेयक को पक्षपातपूर्ण बताते हुए आरोप लगाया कि इसमें अल्पसंख्यक समुदाय की चिंताओं को पर्याप्त महत्व नहीं दिया गया है।
वक्फ ट्रिब्यूनल की भूमिका घटाने पर आपत्ति
विपक्ष ने वक्फ ट्रिब्यूनल की जगह कलेक्टर को विवाद निपटान का अधिकार दिए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई।
समिति की अध्यक्ष का बयान
जगदम्बिका पाल ने इस पर जोर दिया कि विधेयक का उद्देश्य विधिसम्मत और लोकतांत्रिक तरीके से निर्णय लेना है। उन्होंने कहा, “हमने सभी संशोधनों को पढ़ा और मतदान के आधार पर पारित या खारिज किया। विपक्ष को अपने तर्क प्रस्तुत करने का पूरा मौका दिया गया।”
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर उठाए गए कदम भारतीय राजनीति और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। NDA द्वारा पारित 14 संशोधन विधेयक को मजबूत बनाने की दिशा में उठाए गए कदम हैं।