AJSU Party News: झारखंड आंदोलनकारी और लोहरदगा के पूर्व विधायक कमल किशोर भगत की पत्नी, नीरू शांति भगत, ने आजसू पार्टी से इस्तीफा देकर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश महतो को त्यागपत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने अपनी बातों को स्पष्ट रूप से रखा है।
पार्टी में लंबे समय से असंतोष और आरोपों का दौर
नीरू शांति भगत ने आजसू पार्टी की ओर से 2015, 2019 और 2024 के विधानसभा चुनाव में लोहरदगा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन तीनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2024 के चुनाव में हार के बाद पार्टी के भीतर उनके खिलाफ असंतोष बढ़ने लगा। उन्होंने कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं पर उनकी हार के लिए साजिश करने के आरोप लगाए थे।
हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनकी मुलाकात के बाद उनके झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई थीं। वहीं, आजसू की एक बैठक में उन पर जेएमएम में जाने की पहल करने और पार्टी को कमजोर करने के आरोप भी लगाए गए।
सुदेश महतो को लिखे पत्र में दी सलाह
अपने इस्तीफे में नीरू शांति भगत ने पार्टी से मिले मान-सम्मान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, “मैं पार्टी के सभी पदों और प्राथमिक सदस्यता से बिना किसी द्वेष के इस्तीफा दे रही हूं।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को शालीनता और झारखंड आंदोलन के इतिहास का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

क्या जेएमएम में शामिल होंगी नीरू शांति भगत?
नीरू शांति भगत के इस्तीफे के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या वे झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल होंगी। उनकी हालिया गतिविधियां और मुख्यमंत्री से मुलाकात ने इस संभावना को बल दिया है। हालांकि, उन्होंने इन अटकलों पर स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा है।
उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया और कहा कि अगर वे किसी पार्टी में जातीं, तो यह सभी को पता चल जाता। उन्होंने पार्टी के कुछ सदस्यों पर अपनी गलतियों को छिपाने के लिए उन पर मानसिक दबाव डालने का आरोप लगाया।
राजनीतिक भविष्य की नई राह
नीरू शांति भगत का आजसू से अलग होना उनके राजनीतिक करियर में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे किस पार्टी का हिस्सा बनती हैं और झारखंड की राजनीति में उनकी अगली पारी कैसी होगी।