मकर संक्रांति भारत के सबसे प्रमुख और पवित्र त्योहारों में से एक है। इस पर्व का हर व्यक्ति बेसब्री से इंतजार करता है। मकर संक्रांति को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने और उत्तरायण होने के शुभ अवसर के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को नई ऊर्जा, नई शुरुआत, और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व माना जाता है।
मकर संक्रांति क्या है?
मकर संक्रांति वह पर्व है जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है और उत्तरायण होता है। यह भारतीय पंचांग के अनुसार पौष माह में मनाया जाता है। इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजा की जाती है और तिल-गुड़ का प्रसाद वितरण किया जाता है।
मकर संक्रांति 2025 कब है?
वर्ष 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी, मंगलवार को मनाई जाएगी। यह दिन पूरे भारत में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा।
खिचड़ी कब है 2025?
मकर संक्रांति के अवसर पर खिचड़ी का त्योहार भी मनाया जाता है, जो मुख्य रूप से उत्तर भारत में विशेष महत्व रखता है। 2025 में खिचड़ी भी 14 जनवरी को ही बनाई जाएगी।
पौष संक्रांति 2025 का महत्व
पौष संक्रांति, मकर संक्रांति के ठीक एक दिन पहले आती है। यह दिन भी विशेष धार्मिक महत्व रखता है क्योंकि यह सूर्य देव को धन्यवाद देने और नई ऊर्जा का स्वागत करने का अवसर है।
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं और संदेश
मकर संक्रांति की शुभकामनाएं देने का रिवाज़ हर घर में देखा जाता है। इस दिन लोग अपने प्रियजनों को बधाई संदेश और मकर संक्रांति इमेज भेजते हैं। यहां कुछ बेहतरीन संकल्पना और शायरी दी गई हैं जो आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा कर सकते हैं:
शुभ मकर संक्रांति शायरी
- “तिल हम हैं, और गुड़ हो आप,
मिठास से भर दें जीवन का हर रास्ता।
शुभ मकर संक्रांति!“ - “पतंगों की डोर, तिल-गुड़ का मिठास,
संक्रांति लाए जीवन में खास।
हैप्पी मकर संक्रांति!“
संक्रांति स्टेटस
- “आकाश में उड़े पतंग, और दिल में हो उमंग। मकर संक्रांति की शुभकामनाएं!“
- “सूर्य की किरणें नई उम्मीदें लाती हैं। शुभ मकर संक्रांति 2025!“
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
2025 में मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा:
- पुण्य काल: सुबह 7:30 बजे से 12:00 बजे तक।
- महापुण्य काल: सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक।
इस दौरान स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व होता है।
मकर संक्रांति के लिए तिल-गुड़ का महत्व
मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का प्रसाद चढ़ाना और बांटना बहुत शुभ माना जाता है। इनका वैज्ञानिक महत्व भी है। सर्दियों के मौसम में तिल और गुड़ शरीर को गर्मी प्रदान करते हैं और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।
पतंग उत्सव: मकर संक्रांति की विशेषता
मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने का भी रिवाज है। इस दिन आकाश रंग-बिरंगी पतंगों से भर जाता है। यह परंपरा नई ऊंचाईयों को छूने और जीवन में सकारात्मकता लाने का प्रतीक है।
मकर संक्रांति से जुड़े धार्मिक और सांस्कृतिक पहलू
- दान-पुण्य: इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है।
- खिचड़ी भोज: परिवार और दोस्तों के साथ खिचड़ी का आनंद लिया जाता है।
- सूर्य उपासना: सूर्य देव को जल अर्पित किया जाता है।