शिबू सोरेन भारतीय राजनीति के एक प्रमुख नेता हैं, जिन्होंने झारखंड के गठन और वहां के आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। शिबू सोरेन, जिन्हें “गुरुजी” के नाम से भी जाना जाता है, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। उनका नाम झारखंड की राजनीति में एक प्रभावशाली व्यक्तित्व के रूप में उभर कर सामने आया है। इस लेख में हम शिबू सोरेन का परिवार, जाति, जीवन परिचय, धर्म, निवास स्थान, और उनकी राजनीतिक यात्रा के बारे में विस्तार से जानेंगे।
शिबू सोरेन का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ था। उनका जन्म एक संथाल आदिवासी परिवार में हुआ। उनके पिता शोभा सोरेन का देहांत उस समय हुआ जब वे बहुत छोटे थे। उनके पिता की हत्या साहूकारों द्वारा कर दी गई थी। इस घटना ने उनके जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ा।
शिबू सोरेन ने प्रारंभिक शिक्षा रामगढ़ में प्राप्त की। हालांकि, पारिवारिक परिस्थितियों के कारण उनकी शिक्षा बीच में ही रुक गई। इसके बावजूद उन्होंने आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष करने का निश्चय किया।

शिबू सोरेन की राजनीतिक यात्रा
शिबू सोरेन ने 18 वर्ष की आयु में “संथाल नवयुवक संघ” की स्थापना की। 1972 में उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की। JMM का मुख्य उद्देश्य झारखंड क्षेत्र के आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करना और उनकी जमीन वापस दिलाना था।

उनकी राजनीतिक यात्रा में मुख्य पड़ाव इस प्रकार हैं:
लोकसभा में प्रवेश
- शिबू सोरेन ने पहली बार 1980 में दुमका लोकसभा सीट से चुनाव जीता।
- वे 1989, 1991, 1996 और 2004 में फिर से लोकसभा के सदस्य बने।
झारखंड के मुख्यमंत्री
- 2005 में पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने, हालांकि यह कार्यकाल केवल 10 दिनों का था।
- 2008-2009 और 2009-2010 में वे फिर से मुख्यमंत्री बने।
केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य
- शिबू सोरेन ने केंद्र सरकार में कोयला मंत्री का पदभार संभाला। हालांकि, कानूनी विवादों के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
शिबू सोरेन का परिवार
शिबू सोरेन के परिवार में उनकी पत्नी रूपी किस्कू और चार बच्चे हैं। उनके तीन बेटे और एक बेटी हैं।
पुत्रों का परिचय
- दुर्गा सोरेन:
- दुर्गा सोरेन झारखंड के जामा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। उनका निधन हो चुका है।
- उनकी पत्नी सीता सोरेन भी विधायक रह चुकी हैं।
- हेमंत सोरेन:
- हेमंत सोरेन वर्तमान में झारखंड के मुख्यमंत्री हैं।
- उन्होंने 2013 से 2014 और फिर 2020 से वर्तमान तक मुख्यमंत्री पद संभाला।
- बसंत सोरेन:
- बसंत सोरेन झारखंड युवा मोर्चा के अध्यक्ष और वर्तमान में दुमका से विधायक हैं।
अन्य परिवारजन
- शिबू सोरेन की बेटी अंजली सोरेन भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं।

शिबू सोरेन की जाति और धर्म
शिबू सोरेन का संबंध संथाल जनजाति से है, जो झारखंड की प्रमुख आदिवासी जातियों में से एक है। उनका धर्म आदिवासी परंपराओं और रीति-रिवाजों में गहराई से जुड़ा हुआ है। वे प्रकृति की पूजा करते हैं, जो संथाल संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।
शिबू सोरेन का घर और निवास स्थान
शिबू सोरेन का स्थायी निवास स्थान झारखंड के दुमका जिले में स्थित है। उनका घर झारखंड की संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। इसके अलावा, वे रांची में भी रहते हैं, जहां से वे अपनी राजनीतिक गतिविधियां संचालित करते हैं।
शिबू सोरेन की विवादित घटनाएं
शिबू सोरेन का नाम कई विवादों से जुड़ा है। इनमें प्रमुख हैं:
- शशिनाथ झा हत्याकांड:
- 1994 में उनके सचिव शशिनाथ झा की हत्या के मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें उच्च न्यायालय द्वारा बरी कर दिया गया।
- चिरुदीह हत्याकांड:
- 1975 में हुए चिरुदीह हत्याकांड में उनका नाम प्रमुख आरोपियों में शामिल था। इस घटना में 10 लोगों की मौत हुई थी।

शिबू सोरेन की संपत्ति और शुद्ध संपत्ति
शिबू सोरेन की शुद्ध संपत्ति (Net Worth) का अनुमान लगभग 10 करोड़ रुपये है। उनकी संपत्ति में मुख्यतः कृषि भूमि, आवासीय संपत्ति, और अन्य निवेश शामिल हैं।
शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति के एक ऐसे स्तंभ हैं जिन्होंने आदिवासी समुदाय के अधिकारों के लिए जीवनभर संघर्ष किया। उनकी राजनीतिक यात्रा, संघर्षों और उपलब्धियों ने उन्हें झारखंड और भारतीय राजनीति में एक अमिट छाप दी है। उनकी कहानी प्रेरणा और साहस का प्रतीक है।
