Ranchi: आजसू पार्टी ने झारखंड सरकार से नगर निकाय चुनावों में ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लागू करने की मांग की है। पार्टी मुख्यालय, हरमू, रांची में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक लंबोदर महतो और केंद्रीय मुख्य प्रवक्ता डॉ. देवशरण भगत ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए।
सरकार की नीति से पिछड़ा वर्ग प्रभावित
लंबोदर महतो ने कहा कि राज्य सरकार की मनमानी नीतियों के कारण पिछड़ा वर्ग के संवैधानिक अधिकारों का हनन हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर निकाय चुनावों में “ट्रिपल टेस्ट” प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया जाना चाहिए, ताकि सामाजिक न्याय और समानता सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने नगर निकाय चुनावों के लिए “ट्रिपल टेस्ट” कराने का निर्देश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को दिया है, लेकिन आयोग में अध्यक्ष पद रिक्त होने के कारण यह प्रक्रिया निष्पक्ष नहीं मानी जा सकती। फोन पर किया जा रहा सर्वेक्षण भी अव्यवस्थित है, जिससे इसकी पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर संकट
पूर्व विधायक ने बताया कि झारखंड में पिछले पंचायत चुनावों में मुखिया, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और वार्ड सदस्य जैसे पदों पर पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण था। लेकिन हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों में राज्य सरकार ने यह आरक्षण समाप्त कर दिया, जिससे 10,500 से अधिक पदों पर पिछड़े वर्गों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हुआ।
उन्होंने कहा कि यह फैसला सामाजिक न्याय के खिलाफ है और पिछड़े वर्गों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को खत्म करने का प्रयास भी।
सर्वोच्च न्यायालय में आजसू की याचिका
इस अन्याय के खिलाफ आजसू पार्टी के सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सर्वोच्च न्यायालय में Writ Petition (Civil) No. 239/22 दायर की थी। याचिका की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने शपथ पत्र के माध्यम से आश्वस्त किया था कि भविष्य में कोई भी नगर निकाय या पंचायत चुनाव “ट्रिपल टेस्ट” प्रक्रिया को पूरा किए बिना नहीं कराया जाएगा।
आजसू नेताओं ने सरकार को आगाह किया कि अगर यह प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लागू नहीं की गई, तो पार्टी बड़े आंदोलन का ऐलान करेगी। उन्होंने राज्य सरकार से जल्द से जल्द पिछड़ा वर्ग आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति करने और सर्वेक्षण को विश्वसनीय बनाने की मांग की।