एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) का नाम इन दिनों चर्चा में है क्योंकि भारत में इसके तीन मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह वायरस चीन में तेजी से फैल रहा है, जिससे अस्पतालों में सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। आइए, इस वायरस के बारे में विस्तार से जानते हैं और इससे बचाव के उपायों पर चर्चा करते हैं।
एचएमपीवी वायरस क्या है?
एचएमपीवी (Human Metapneumovirus) एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। यह वायरस न्यूमोविरिडे परिवार का हिस्सा है और इसके लक्षण आम सर्दी-जुकाम से मिलते-जुलते हैं।
केंद्र फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, यह वायरस बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है। इसकी पहचान पहली बार 2001 में की गई थी।
एचएमपीवी के लक्षण
- सर्दी और खांसी
- बुखार
- नाक बंद होना या बहना
- सांस लेने में कठिनाई
- गले में खराश
वायरस का असर किन पर ज्यादा होता है?
एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से छोटे बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। इसके अलावा, कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग, अस्थमा और अन्य श्वसन रोगों से पीड़ित लोग भी इसकी चपेट में जल्दी आते हैं।
भारत में एचएमपीवी के मामले
कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में केस
भारत में एचएमपीवी वायरस के कुल तीन मामले दर्ज किए गए हैं।
- कर्नाटक में एक शिशु में यह वायरस पाया गया।
- तमिलनाडु और गुजरात में भी एक-एक मामले की पुष्टि हुई है।
यह पहली बार है जब भारत में एचएमपीवी संक्रमण के केस सामने आए हैं।
गुजरात की स्वास्थ्य एडवाइजरी
गुजरात स्वास्थ्य विभाग ने वायरस की गंभीरता को देखते हुए एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों से सावधानी बरतने और निम्नलिखित नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है:
- खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढकें।
- बीमार महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।

चीन में एचएमपीवी वायरस की स्थिति
चीन में यह वायरस तेजी से फैल रहा है और अस्पतालों में सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या में भारी इजाफा हो गया है। यह स्थिति कोविड-19 महामारी की याद दिलाती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि एचएमपीवी का प्रभाव कोविड-19 की तुलना में कम गंभीर है।
सरकारें सतर्क
चीन में बढ़ते मामलों को देखते हुए दुनियाभर की सरकारें सतर्क हो गई हैं। भारत में भी स्वास्थ्य मंत्रालय स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान
जेपी नड्डा का आश्वासन
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और इस पर घबराने की जरूरत नहीं है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और आईडीएसपी नेटवर्क के आंकड़ों के आधार पर स्थिति को नियंत्रित किया जा रहा है।
अन्य राज्यों की तैयारी
दिल्ली सरकार की गाइडलाइंस
दिल्ली सरकार ने भी एचएमपीवी वायरस को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
- अस्पतालों को श्वसन रोगों के मामलों से निपटने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
- स्वास्थ्य विभाग को नियमित अपडेट प्राप्त करने और केंद्र के संपर्क में रहने को कहा गया है।
तमिलनाडु में बैठक
तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग ने दो बच्चों में एचएमपीवी की पुष्टि होने के बाद सतर्कता बढ़ा दी है।
- सावधानियों और रोकथाम के उपायों पर चर्चा के लिए बैठक की गई।
- वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
एचएमपीवी वायरस से बचाव के उपाय
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह
- खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढकें।
- बार-बार साबुन से हाथ धोएं।
- बीमार महसूस करने पर घर पर ही रहें।
- सार्वजनिक स्थानों पर जाने से बचें।
- टिश्यू या रूमाल का दोबारा उपयोग न करें।
इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय
- पोषक आहार का सेवन करें।
- नियमित व्यायाम करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
एचएमपीवी वायरस गंभीर मामलों में श्वसन समस्याओं का कारण बन सकता है, लेकिन सतर्कता और सही जानकारी से इसके प्रसार को रोका जा सकता है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।