हाल ही में DeepSeek, एक चीनी AI एप्लिकेशन, ने अमेरिकी बाजार में कदम रखते ही तहलका मचा दिया। यह एप्लिकेशन Apple App Store में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए जाने वाले मुफ्त एप्स में शुमार हो गया है। हालांकि, इस एप के प्रति बढ़ती रुचि ने अमेरिकी नीति-निर्माताओं, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों और ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों को चिंतित कर दिया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह एप अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।
DeepSeek का धमाकेदार आगमन और प्रभाव
DeepSeek की लॉन्चिंग ने टेक जगत को हिला कर रख दिया। इसके बाजार में आते ही Nvidia के शेयरों में 17% की भारी गिरावट देखी गई, जिससे लगभग 600 अरब डॉलर का नुकसान हुआ।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस एप्लिकेशन को “Wake-up Call” करार दिया और कहा कि सरकार इसकी राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावों की जांच करेगी। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लिविट ने भी स्पष्ट किया कि प्रशासन अमेरिका की AI प्रभुत्वता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
DeepSeek को लेकर अमेरिकी सांसदों की चिंता
अमेरिकी सांसदों ने इस एप को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। रिपब्लिकन सांसद जॉन मोलनार, जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े मामलों की समीक्षा करने वाली समिति के अध्यक्ष हैं, ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया। उन्होंने चीनी AI अवसंरचना पर कड़े निर्यात नियंत्रण लगाने की वकालत की।
प्रमुख बिंदु:
- DeepSeek अमेरिकी टेक्नोलॉजी का उपयोग कर अपनी AI क्षमताओं को बढ़ा रहा है।
- अमेरिकी संसद ने AI सुरक्षा पर कड़े प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है।
- चीन पर पहले से ही AI चिप्स के निर्यात को लेकर सख्त प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं।
DeepSeek और डेटा सुरक्षा का खतरा
DeepSeek की लोकप्रियता के साथ-साथ, इस पर डेटा चोरी और गोपनीयता उल्लंघन के आरोप भी लग रहे हैं।

क्या DeepSeek उपयोगकर्ताओं के लिए खतरा बन सकता है?
रॉस बर्ले, जो सेंटर फॉर इंफॉर्मेशन रेज़िलिएंस के सह-संस्थापक हैं, का कहना है कि यह एप उपयोगकर्ताओं का संवेदनशील डेटा चीन को भेज सकता है।
DeepSeek का डेटा संग्रहण:
- डिवाइस मॉडल और ऑपरेटिंग सिस्टम।
- IP एड्रेस और कीस्ट्रोक पैटर्न।
- क्रैश रिपोर्ट्स और प्रदर्शन लॉग।
- अन्य संवेदनशील डेटा जो उपयोगकर्ताओं की पहचान उजागर कर सकता है।
DeepSeek और TikTok: क्या समानताएँ और अंतर हैं?
DeepSeek की तुलना TikTok से की जा रही है, जो कि चीन के ByteDance के स्वामित्व में है। TikTok को अमेरिका में राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर प्रतिबंधित करने की कोशिश की गई थी, लेकिन DeepSeek के संदर्भ में स्थिति थोड़ी अलग है।
मुख्य अंतर:
- TikTok ने अमेरिकी डेटा को Oracle के सर्वर पर स्टोर किया, जबकि DeepSeek का डेटा सीधे चीन में संग्रहीत होता है।
- DeepSeek एक “ओपन-सोर्स” एप्लिकेशन है, जो इसकी मॉनिटरिंग को जटिल बनाता है।
- TikTok पर प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिकी कांग्रेस ने कड़े कानून बनाए हैं, लेकिन DeepSeek को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट नीति नहीं है।
चीन की सेंसरशिप और DeepSeek
DeepSeek का उपयोग करने वाले पश्चिमी देशों के यूजर्स ने पाया कि यह एप 1989 के तियानमेन चौक नरसंहार जैसी घटनाओं पर कोई जानकारी प्रदान नहीं करता है। यह दर्शाता है कि DeepSeek चीन सरकार द्वारा नियंत्रित जानकारी ही प्रदान करता है।

DeepSeek के संभावित खतरे:
- चीन की सेंसरशिप नीतियों को अमेरिका और पश्चिमी देशों में लागू करना।
- गोपनीय डेटा को एकत्र करके दुष्प्रचार अभियानों को बढ़ावा देना।
- चीन की राजनीतिक और वैचारिक प्रचार मशीनरी को पश्चिमी देशों में फैलाना।
अमेरिका को क्या कदम उठाने चाहिए?
DeepSeek की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए अमेरिकी सरकार को त्वरित और निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है। कुछ संभावित उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं:
- DeepSeek पर डेटा सुरक्षा और गोपनीयता नियम लागू करना।
- इस एप्लिकेशन को अमेरिकी कंपनियों द्वारा उपयोग किए जाने पर कड़े प्रतिबंध लगाना।
- अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों को सशक्त बनाना ताकि वे प्रतिस्पर्धी AI उत्पाद विकसित कर सकें।
- DeepSeek के ओपन-सोर्स मॉडल का विश्लेषण करके इसके संभावित जोखिमों का आकलन करना।
निष्कर्ष
DeepSeek की अमेरिका में बढ़ती लोकप्रियता ने राष्ट्रीय सुरक्षा, डेटा गोपनीयता और चीन की AI महत्वाकांक्षाओं को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार और नीति-निर्माताओं को जल्द से जल्द इस पर ध्यान देना होगा, ताकि अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा और डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित की जा सके।
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