Ranchi: नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने प्रभावी रूप से राज्य की बात रखी। उन्होंने विकसित भारत की परिकल्पना को विकसित राज्य व गांव से जोड़ने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी उन्मूलन, महिला सशक्तिकरण, युवाओं को कौशलयुक्त बनाना, शिक्षा, स्वास्थ्य और तकनीकी विकास इस सोच की बुनियाद हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड सरकार इन सभी क्षेत्रों में लगातार प्रयास कर रही है और केंद्र सरकार को इन प्रयासों में सहयोग देना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री को राज्य की जनता की जरूरतों से अवगत कराया और कई ठोस सुझाव दिए।
खनन कंपनियों की जवाबदेही और भूमि वापसी का मुद्दा उठाया
मुख्यमंत्री ने खनन क्षेत्र में कंपनियों की जवाबदेही तय करने की बात रखी। उन्होंने मांग की कि सीबीए एक्ट में संशोधन कर खनन के बाद की भूमि राज्य सरकार को वापस दी जाए। उन्होंने बताया कि राज्य में खनन कंपनियों पर 1.40 लाख करोड़ रुपए का मुआवजा बकाया है, जिसे जल्द दिलाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में कोल-बेस्ड मीथेन गैस प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, जिसका ऊर्जा उत्पादन में इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कैप्टिव प्लांट लगाने और उत्पादन का 30% राज्य में उपयोग करने की अनिवार्यता की भी मांग की।
महिला सशक्तिकरण और मजदूर कल्याण पर भी केंद्र को सुझाव
हेमंत सोरेन ने बताया कि राज्य सरकार प्रतिमाह लगभग 50 लाख महिलाओं को ₹2500 की आर्थिक सहायता दे रही है। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम है।
मजदूरों के लिए उन्होंने कहा कि कोविड काल में सरकार ने बाहर फंसे श्रमिकों की मदद की थी। हाल ही में कैमरून से मजदूरों को राज्य के खर्च पर वापस बुलाया गया। उन्होंने सुझाव दिया कि विदेशों में काम करने वाले श्रमिकों के लिए केंद्र सरकार वीजा, सुरक्षा और खर्च में सहयोग दे।

राजस्व बंटवारा और जीएसटी क्षतिपूर्ति पर चिंता व्यक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्य के राजस्व पर प्रतिकूल असर पड़ा है। जून 2022 के बाद से क्षतिपूर्ति नहीं मिल पाने से राज्य को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने 16वें वित्त आयोग से वर्टिकल डिविजन को 41% से बढ़ाकर 50% करने की मांग रखी।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने उपकर और अधिभार को भी विभाज्य पूल में शामिल करने की बात कही ताकि राज्यों को न्यायोचित हिस्सेदारी मिल सके।
केंद्र योजनाएं हों राज्यों के अनुरूप
मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि केंद्र सरकार की योजनाएं जैसे मनरेगा, पीएम आवास योजना आदि को राज्यों की आवश्यकताओं के अनुसार लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने अबुआ स्वास्थ्य योजना, मइयां सम्मान योजना और पेंशन योजना जैसे कार्यक्रम बनाए हैं, जिनके लिए केंद्र का सहयोग आवश्यक है।
उन्होंने सुझाव दिया कि जिलावार हेल्थ प्रोफाइल तैयार करने की राज्य सरकार की पहल को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाए, जिससे प्रखंड और जिला स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत बन सकें।
विकास के लिए विशेष सहायता और कॉरिडोर का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में डेडीकेटेड इंडस्ट्रियल माइनिंग कॉरिडोर बनाया जाए ताकि औद्योगिक संचालन में तेजी आ सके। साथ ही, साहेबगंज को कार्गो हब के रूप में विकसित करने, गंगा पर नया पुल या बांध बनाने का सुझाव दिया।
उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों की तरह झारखंड को भी विशेष केंद्रीय सहायता मिलनी चाहिए क्योंकि यहां वन क्षेत्र के कारण विकास कार्यों में देरी होती है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने विस्तृत सुझावों और मांगों के ज़रिए नीति आयोग की बैठक को झारखंड की प्राथमिकताओं से परिचित कराया। यह उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार इन सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी और झारखंड को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में सहयोग देगी।