उत्तरकाशी (उत्तराखंड) सुरंग बचाव: सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने की तैयारी अंतिम चरण में है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद उत्तरकाशी में मौजूद हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे सिल्कयारा (Bhaskar Khulbe Silkyara) सुरंग स्थल पहुंच गए हैं. वेल्डिंग विशेषज्ञों को दिल्ली से सिल्कयारा सुरंग स्थल पर बुलाया गया है. सुरंग स्थल पर चिकित्सा उपकरण पहुंच गए हैं.
उत्तरकाशी सुरंग बचाव पर PMO के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, “हम अभी कोशिश कर रहे हैं कि 45 मीटर के आगे 6 मीटर और जाने के लिए जो पाइप वेल्डिंग करनी होती है, वे हम तैयार कर रहे हैं. रात में 45 मीटर के मुंह पर कुछ स्टील की संरचना सामने आ गई थी. उसको अंधेरे और बिना ऑक्सीजन के जगह पर काटने में हमें 6 घंटे लगे. हम उस पूरे हिस्से को साफ कर चुके हैं.”
अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे. अर्नोल्ड डिक्स ने बताया, “इस समय, ऐसा लगता है जैसे हम सामने के दरवाजे पर हैं और हम उस पर दस्तक दे रहे हैं. हम जानते हैं कि लोग दूसरी तरफ हैं. मैं देखने जा रहा हूं और देखूंगा कि क्या हो रहा है… “
उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर DM अभिषेक रूहेला ने बताया, “सभी मशीनें काम कर रही हैं… हम अधिकांश दूरी पूरी कर चुके हैं, थोड़ा काम बचा है. अभी किसी के लिए ये बताना संभव नहीं है कि कार्य पूर्ण होने में कितना समय लगेगा. कई बार नई समस्या आ जाती है. कार्य तेजी से चल रहा है. सभी के साथ सही से समन्वय बना कर कार्य हो रहा है. कार्य पर भारत सरकार और राज्य सरकार दोनों लगातार नजर रख रहे हैं. भारत सरकार से पूरा सहयोग मिल रहा है.”
12 नवंबर को सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए बचाव अभियान जारी है.
रेस्क्यू ऑपरेशन टीम के सदस्य गिरीश सिंह रावत ने कहा, “रेस्क्यू ऑपरेशन लगभग आखिरी चरण में है…पाइपलाइन ड्रिलिंग में जो दिक्कत आई थी उसे दूर कर लिया गया है… मलबे में फंसे स्टील के टुकड़ों को काटकर निकाल लिया गया है…पाइपलाइन डालने की प्रक्रिया चल रही है.”
नेशनल वैक्सीन वैन घटनास्थल पहुंच गई है. ड्राइवर शिव सिंह राणा ने कहा, “हम सीएमओ के आदेश पर नेशनल वैक्सीन वैन यहां लाए हैं…”
सुरंग चारधाम परियोजना का हिस्सा
उत्तरकाशी सुरंग उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन एक सुरंग है. यह सुरंग चारधाम परियोजना का हिस्सा है, जो हिंदुओं के चार प्रमुख तीर्थस्थलों बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पहल है.
सुरंग 5.5 किलोमीटर लंबी है और यह सिलक्यारा गांव से गुजरती है. सुरंग का निर्माण 2020 में शुरू हुआ था और इसे 2024 में पूरा होने की उम्मीद थी.
12 नवंबर, 2023 को, सुरंग के निर्माण के दौरान भूस्खलन हुआ, जिससे सुरंग के अंदर 41 श्रमिक फंस गए. बचाव अभियान शुरू हुआ, लेकिन मलबे की मोटी परत के कारण बचाव कार्य कठिन हो गया.
हादसे के बाद सुरंग परियोजना पर उठे सवाल
उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना के बाद, चारधाम परियोजना पर सवाल उठे हैं. पर्यावरणविदों का कहना है कि इस परियोजना से अचानक बाढ़ और भूस्खलन की आशंका बढ़ गई है.
हालांकि, सरकार का कहना है कि वह चारधाम परियोजना को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार ने कहा है कि वह सुरंगों के निर्माण में सुरक्षा मानकों को कड़ा करेगी.
उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना भारत के लिए एक भयावह घटना है. यह एक ऐसी घटना है जिसने देश को एकजुट किया और दिखाया कि भारत के पास ऐसी क्षमता है कि वह किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है.