रांची की एक होनहार बेटी, तन्मयी सरकार, ने अपनी मेहनत और स्मार्ट स्टडी की बदौलत CBSE 12वीं (आर्ट्स स्ट्रीम) में 98% अंक हासिल कर स्कूल टॉप किया है। ऑक्सफोर्ड पब्लिक स्कूल की छात्रा तन्मयी की इस शानदार सफलता ने यह साबित कर दिया है कि पढ़ाई में घंटों बिताना जरूरी नहीं, बल्कि समझदारी से की गई पढ़ाई ज्यादा असरदार होती है।
आर्ट्स में 98%: एक असाधारण उपलब्धि
जहां विज्ञान और कॉमर्स स्ट्रीम में अच्छे अंक लाने को आम बात माना जाता है, वहीं आर्ट्स में 98% स्कोर करना वाकई में चौंकाने वाला है। तन्मयी कहती हैं कि आर्ट्स विषयों में याद रखने वाला कंटेंट ज्यादा होता है, इसलिए जरूरी है कि दिमाग तरोताजा रहे। उनका मानना है कि बिना ब्रेक लिए 12-13 घंटे पढ़ना सही तरीका नहीं है।
तन्मयी की पढ़ाई का फॉर्मूला: “कम पढ़ो, लेकिन दमदार पढ़ो”
तन्मयी का मंत्र साफ है — “तीन घंटे पढ़ो, लेकिन पूरी एकाग्रता से पढ़ो”। उनका मानना है कि पढ़ाई के साथ-साथ मूवी देखना, दोस्तों के साथ समय बिताना और घूमना-फिरना भी जरूरी है। इससे माइंड फ्रेश रहता है और जो भी पढ़ते हैं, वो लंबे समय तक याद रहता है।
अनुशासन और संतुलन है सफलता की कुंजी
तन्मयी का शेड्यूल खुद उन्हीं का बनाया हुआ है। वह पढ़ाई के दौरान मोबाइल बंद रखती हैं और उस समय किसी से बातचीत नहीं करतीं। वहीं जब वे एंटरटेनमेंट मोड में होती हैं, तो पूरी तरह रिलैक्स रहती हैं। उनका यह पर्सनल टाइमटेबल ही उन्हें बाकी छात्रों से अलग बनाता है।
घर में भी आदर्श बेटी
तन्मयी न केवल पढ़ाई में अव्वल हैं, बल्कि घरेलू जिम्मेदारियों में भी अपनी भूमिका बखूबी निभाती हैं। जब भी घर में कोई बीमार होता है या कोई परेशानी आती है, तन्मयी सब संभाल लेती हैं। माता-पिता को कभी उन्हें पढ़ाई के लिए मजबूर नहीं करना पड़ा।

भविष्य की योजना: सिविल सेवा की तैयारी
CBSE 12वीं टॉपर तन्मयी सरकार अब UPSC सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाहती हैं। हालांकि वह जानती हैं कि यह रास्ता कठिन है और इसके लिए पहले से कहीं ज्यादा मेहनत और अनुशासन की जरूरत होगी। लेकिन उनके माता-पिता को पूरा भरोसा है कि तन्मयी अपने लक्ष्य को जरूर हासिल करेंगी।
माता-पिता का समर्थन और विश्वास
तन्मयी की मां बताती हैं कि उन्होंने कभी अपनी बेटी को हॉबीज़ छोड़कर केवल पढ़ाई में झोंकने के लिए मजबूर नहीं किया। उनका मानना है कि हर चीज को संतुलन में रखना जरूरी है। वहीं पिता बताते हैं कि तन्मयी को हमेशा स्वतंत्रता दी गई, लेकिन सही दिशा दिखाने का काम उन्होंने किया।
क्या कहती हैं तन्मयी की सफलता?
तन्मयी की कहानी यह साबित करती है कि CBSE 12वीं में टॉप करने के लिए सिर्फ किताबी कीड़ा बनना जरूरी नहीं है। जरूरी है एक सही टाइमटेबल, मानसिक संतुलन, पारिवारिक समर्थन और आत्मविश्वास।
CBSE 12वीं टॉपर तन्मयी सरकार की सफलता उन सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा है जो सोचते हैं कि केवल घंटों पढ़ाई करने से ही अच्छे नंबर मिलते हैं। तन्मयी ने यह साबित किया है कि अगर रणनीति सही हो, पढ़ाई में दिलचस्पी हो, और दिमाग शांत हो, तो कम समय में भी शानदार परिणाम पाया जा सकता है।
तन्मयी सरकार की कहानी भारत की लाखों बेटियों को यह सिखाती है कि अगर आप संतुलन बनाए रखें और अपने लक्ष्य को लेकर दृढ़ संकल्पित रहें, तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं।