Ranchi | राजधानी रांची के प्रमुख जलाशय बड़ा तालाब (विवेकानंद सरोवर) के संरक्षण और सुरक्षा को लेकर रांची नगर निगम ने बड़ा कदम उठाया है। रविवार को अपर प्रशासक के नेतृत्व में नगर निगम की टीम ने तालाब के आसपास के क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया और अतिक्रमण-मुक्त अभियान को तेज करने के निर्देश दिए। कार्रवाई का उद्देश्य शहर के जलस्रोतों की स्वच्छता, सुरक्षा और दीर्घकालीन संरक्षण सुनिश्चित करना है।
रांची नगर निगम द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, शहर के जलाशयों को अतिक्रमण से मुक्त रखने के लिए निरंतर ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में विवेकानंद सरोवर (बड़ा तालाब) के चारों ओर फैले क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने अवैध संरचनाओं, दुकानों और भवनों की पहचान कर सघन जांच के निर्देश दिए।
नगर निगम की टीम को स्पष्ट कहा गया कि क्षेत्र में मौजूद सभी भवनों और प्रतिष्ठानों के भवन प्लान, होल्डिंग टैक्स और ट्रेड लाइसेंस की बारीकी से जांच की जाए। साथ ही, अतिक्रमण हटाने के लिए निरंतर अभियान चलाने पर जोर दिया गया।
रांची के बड़े जलाशयों में शामिल बड़ा तालाब न केवल शहर की पहचान है, बल्कि यह भूजल रिचार्ज, पर्यावरण संतुलन और पर्यटन के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। बीते वर्षों में तालाब के आसपास अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों के बढ़ने से जलाशय के अस्तित्व पर खतरा बढ़ा है।
प्रशासन का मानना है कि यदि समय रहते अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो जलाशय की स्वच्छता, जलधारण क्षमता और पारिस्थितिकी पर गंभीर असर पड़ सकता है। इसी कारण नगर निगम ने सख्ती दिखाते हुए जमीनी स्तर पर निरीक्षण शुरू किया है।
प्रशासन और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
निरीक्षण के दौरान अपर प्रशासक ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि संबंधित अंचल की टीम के साथ समन्वय स्थापित कर तालाब के चारों ओर लगभग 53 एकड़ भूमि की मापी कराई जाए। इसके तहत सभी अनधिकृत संरचनाओं, दुकानों और भवनों की विस्तृत जांच कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।
अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर कानून सम्मत और ठोस कार्रवाई की जाएगी। इस मौके पर उप प्रशासक, सहायक प्रशासक, नगर प्रबंधक सहित नगर निगम के अन्य कर्मी भी मौजूद रहे।
यह पूरी प्रक्रिया रांची नगर निगम की निगरानी में संचालित की जा रही है, ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो।
नगर निगम की इस पहल से स्थानीय निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं में सकारात्मक संदेश गया है। लोगों का मानना है कि यदि अतिक्रमण हटाया जाता है, तो बड़ा तालाब फिर से अपने प्राकृतिक स्वरूप में लौट सकेगा।
इससे न केवल आसपास के इलाकों में जलभराव और प्रदूषण की समस्या कम होगी, बल्कि पर्यटन गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, स्वच्छ जलाशय से शहर के पर्यावरण और स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
हालांकि, कुछ स्थानीय दुकानदारों और भवन मालिकों में कार्रवाई को लेकर चिंता भी देखी जा रही है। प्रशासन ने साफ किया है कि वैध दस्तावेज रखने वालों को परेशान नहीं किया जाएगा।
अब अगला कदम तालाब के चारों ओर विस्तृत मापी और सर्वे पूरा करना है। इसके बाद नगर निगम रिपोर्ट के आधार पर चरणबद्ध तरीके से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करेगा।
साथ ही, जलाशय क्षेत्र में भविष्य में अतिक्रमण न हो, इसके लिए निगरानी व्यवस्था और डिजिटल रिकॉर्ड मजबूत किए जाने की भी योजना है। नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे अवैध निर्माण की जानकारी नगर निगम को दें।
रांची के बड़ा तालाब (विवेकानंद सरोवर) को अतिक्रमण से मुक्त करने की दिशा में नगर निगम की यह पहल शहर के पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम मानी जा रही है। यदि कार्रवाई तय समय पर और निष्पक्ष तरीके से होती है, तो यह रांची के अन्य जलाशयों के लिए भी मॉडल साबित हो सकती है।








