मुखिया के फर्जी हस्ताक्षर से भूमि लीज घोटाला

मुखिया के फर्जी हस्ताक्षर से भूमि लीज घोटाला

नेतरहाट पंचायत से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां निर्वाचित मुखिया श्री रामबिशुन नगेशिया के नाम और हस्ताक्षर की जालसाजी कर ज़मीन की लीज डीड तैयार कर दी गई। इतना ही नहीं, पंचायत की सरकारी मुहर का भी दुरुपयोग किया गया। यह लीज 6 सितंबर 2023 को लातेहार SRO कार्यालय में पंजीकृत की गई थी, जिसकी जानकारी मुखिया को हाल ही में मिली।

मुखिया रामबिशुन नगेशिया ने इसे एक गंभीर अपराध बताते हुए तत्काल लीज रद्द करने की मांग लातेहार उपायुक्त से की है। उन्होंने कहा कि उनके फर्जी हस्ताक्षर और मुहर के जरिए तैयार की गई डीड पूरी तरह अवैध है और इससे पूरे पंचायत तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं।

पुलिस पर लापरवाही का आरोप, प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार

इस मामले को लेकर श्री नगेशिया ने नेतरहाट थाना प्रभारी को लिखित आवेदन भी दिया था, लेकिन अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने इसे थाना प्रशासन की घोर लापरवाही और संवेदनहीनता बताया। उनका कहना है कि जब एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि की शिकायत पर FIR दर्ज नहीं की जा रही, तो आम जनता को कैसे न्याय मिलेगा?

उन्होंने पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर कड़ा ऐतराज़ जताया और कहा कि इससे फर्जीवाड़ा करने वालों का हौसला बढ़ रहा है। यह न सिर्फ न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है बल्कि लोकतांत्रिक प्रणाली में आम जनता के विश्वास को भी तोड़ने वाला है।

बहु-ज़िला स्तर पर संगठित भू-माफिया गैंग का शक

मुखिया ने जानकारी दी कि फर्जी डीड में शामिल लोग लोहरदगा, रांची, नेतरहाट और लातेहार के हैं। इससे स्पष्ट होता है कि यह एक बड़ा भू-माफिया नेटवर्क है जो पंचायत स्तर के दस्तावेजों और सरकारी मुहर का गलत उपयोग कर रहा है। उन्होंने आशंका जताई कि यह कोई सामान्य विवाद नहीं, बल्कि एक संगठित साजिश है जिसमें कई जिलों के लोग शामिल हो सकते हैं।

डीसी व एसपी से की उच्चस्तरीय जांच की मांग

श्री नगेशिया ने जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मांग की है कि इस फर्जी डीड को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए और मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए। दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति पंचायत व्यवस्था का दुरुपयोग न कर सके।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कार्रवाई नहीं होती है तो वे पुलिस महानिदेशक झारखंड से मिलकर लिखित शिकायत करेंगे। जरूरत पड़ी तो वे उच्च न्यायालय तक जाने से भी पीछे नहीं हटेंगे।

नेतरहाट में सामने आया यह मामला पंचायत व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह देखना अहम होगा कि प्रशासन इस पर कितनी तेजी और गंभीरता से कदम उठाता है। मुखिया नगेशिया की सक्रियता इस बात का संकेत है कि वे न्याय की लड़ाई लंबी लड़ने को तैयार हैं।

Subhash Shekhar

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