Ranchi: जेएसएससी सीजीएल 2023 (JSSC CGL) की परीक्षा के पहले चरण 28 जनवरी के बाद, सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र की लीकेज का मामला सुर्खियों में है. वायरल हो रहे मैसेज और वीडियोज में छात्रों का दावा है कि प्रश्न पत्र और उनके आन्सर पहले ही वायरल थे. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक भानुप्रताप शाही ने सीबीआई या ईडी से जांच कराने की मांग की है. वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी सीबीआई जांच की मांग की है.
छात्रों का रिएक्शन, जांच की मांग
जेएसएससी सीजीएल की पहली परीक्षा 28 जनवरी को आयोजित की गई. परीक्षा के बाद, प्रश्न पत्र की लीकेज़ की खबरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. स्टूडेंट्स में असंतोष देखा जा रहा है. एक यूट्यूब चैनल पर वीडियो बनाकर उन्होंने बताया है कि कैसे प्रश्न पत्र और आंसर की परीक्षा से पहले वायरल हुए.
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एग्जाम फाइटर्स ने भी सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र की लीकेज पर कई खुलासे किये है. उन्होंने अपने ऑफिशियल हैंडल पर स्क्रीनशॉट्स शेयर किए हैं और बताया कि प्रश्न पत्र का वायरल होना एक बड़ी साजिश का संकेत हो सकता है.
सीबीआई या ईडी से जांच की जरूरत
विधायक भानुप्रताप शाही ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस मामले में सरकार पर आरोप लगाया है. उन्होंने साफ किया कि वह झारखंड के युवाओं के हित में कड़ी भाषा में कदम उठाएंगे और इस मामले की गंभीरता से जांच की मांग की है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि वे और भी सबूत प्रस्तुत करेंगे.
बीजेपी ने की सीबीआई जांच की मांग
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने जेएससीसी द्वारा रविवार को आयोजित सीजीएल परीक्षा में कथित तौर पर पेपर लीक की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर आंसर शीट जारी की हैं. साथ ही व्हाट्सएप पर भी प्रश्न पत्रों के परीक्षा के पहले की सामने आने की बात सामने आ रही है.
बाबूलाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित यह परीक्षा भ्रष्टाचार के दायरे में आ गई है. इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. पूरी परीक्षा में भ्रष्टाचार की बू आ रही. कानूनी कार्रवाई में फंसने के डर से युवा इस परीक्षा में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रहे हैं.
इसके अलावा, छात्रों ने भी विश्वास जताया है कि प्रश्न पत्र लीक होने के बाद परीक्षा प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है.