Ranchi: सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे जनहानि और संपत्ति की क्षति हो रही है। इस गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए झारखंड सरकार ने सड़क सुरक्षा को स्कूली शिक्षा में शामिल करने का निर्णय लिया है। झारखंड के परिवहन मंत्री श्री दीपक बिरुआ ने हाल ही में राष्ट्रीय सेमिनार “सड़क सुरक्षा 2025” के दौरान इस विषय पर विस्तृत चर्चा की।
सड़क सुरक्षा को सिलेबस में शामिल करने की जरूरत
झारखंड सरकार ने यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
- बहुत से लोग बिना उचित प्रशिक्षण के वाहन चलाते हैं, जिससे सड़क हादसे बढ़ रहे हैं।
- ड्राइविंग सुरक्षा और नियमों की जानकारी स्कूल स्तर से दी जानी चाहिए, ताकि भविष्य में लोग अधिक सतर्कता बरतें।
- सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए जागरूकता आवश्यक है।
ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया को कड़ा किया जाएगा
परिवहन मंत्री ने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस देने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और कठोर बनाया जाएगा।
- सभी ड्राइवरों को उचित प्रशिक्षण देना अनिवार्य होगा।
- फिटनेस टेस्ट में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं की जाएगी।
- जो लोग सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करेंगे, उनके लाइसेंस निलंबित किए जाएंगे।
एमवीआई को सतर्क रहने की आवश्यकता
मंत्री ने कहा कि मोटर वाहन निरीक्षकों (MVI) को वाहन फिटनेस प्रमाणपत्र जारी करने में अत्यधिक सतर्कता बरतनी होगी।
- बिना पूरी जांच के फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करना दुर्घटनाओं को न्योता देता है।
- यदि वाहनों की स्थिति ठीक नहीं है, तो उन्हें सड़क पर उतरने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
- सुरक्षित वाहन संचालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त निरीक्षण प्रणाली लागू की जाएगी।
सड़क सुरक्षा पर व्यापक प्रचार-प्रसार की जरूरत
सड़क सुरक्षा को लेकर अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने की जरूरत है।
- सड़क सुरक्षा नियमों को प्रचारित करने के लिए सरकारी अभियान चलाए जाएंगे।
- स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा पर सेमिनार आयोजित किए जाएंगे।
- सामाजिक संगठनों और नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग और इंजीनियरिंग सेल की भूमिका
मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग और इंजीनियरिंग सेल को सड़क सुरक्षा के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे।
- सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों की तुरंत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
- सड़क डिज़ाइन में सुधार किया जाना चाहिए, ताकि दुर्घटनाओं की संभावना कम हो।
- सड़क किनारे चेतावनी संकेत और स्पीड लिमिट बोर्ड लगाए जाएंगे।
रेस्क्यू ऑपरेशन को प्राथमिकता दी जाएगी
झारखंड सरकार सड़क दुर्घटनाओं के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन को और अधिक प्रभावी बनाएगी।
- एम्बुलेंस और ट्रॉमा सेंटर को हमेशा तैयार रखा जाएगा।
- दुर्घटना के तुरंत बाद गैस कटर जैसी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
- सरकार इंश्योरेंस क्लेम प्रक्रिया को सरल बनाएगी, ताकि पीड़ितों को जल्द राहत मिल सके।
सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को किया जाएगा रिकॉर्ड
परिवहन विभाग के सचिव श्री कृष्णानंद झा ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को ठीक से रिकॉर्ड करना आवश्यक है।
- दुर्घटनाओं के सही डेटा संग्रह से सरकार को बेहतर नीतियां बनाने में मदद मिलेगी।
- छोटे-बड़े सभी दुर्घटनाओं का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा।
- इस डेटा का उपयोग सड़क संरचना में सुधार के लिए किया जाएगा।
झारखंड सरकार का यह निर्णय कि सड़क सुरक्षा को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा, एक सराहनीय कदम है। इससे भविष्य की पीढ़ी को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाने में मदद मिलेगी। सरकार ड्राइविंग लाइसेंस नियमों को कड़ा कर, एमवीआई को सतर्क कर, और सड़क सुरक्षा पर प्रचार-प्रसार करके दुर्घटनाओं में कमी लाने की दिशा में प्रयासरत है।