Ranchi: बड़ी खबर सामने आ रही है। झारखंड के पुलिस महानिदेशक (DGP) अनुराग गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है! बताया जा रहा है कि वे सेवानिवृत्ति के बाद एक्सटेंशन पर काम कर रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इस एक्सटेंशन को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है। हालांकि अब तक सरकार की ओर से इस इस्तीफे की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, मगर राज्य प्रशासनिक हलकों में चर्चा तेज है।
केंद्र और राज्य सरकार में टकराव के संकेत
जानकारी के अनुसार, अनुराग गुप्ता के एक्सटेंशन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच मतभेद की स्थिति बनी हुई थी। राज्य सरकार ने डीजीपी के रूप में उनके कार्यकाल को बढ़ाने की सिफारिश की थी, लेकिन केंद्र की ओर से इस पर सहमति नहीं जताई गई। यही वजह रही कि पिछले कुछ दिनों से उनके पद पर बने रहने को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना राज्य सरकार द्वारा एक्सटेंशन जारी रखना तकनीकी रूप से जटिल हो गया था। प्रशासनिक विशेषज्ञों का कहना है कि यही टकराव आगे चलकर इस्तीफे की बड़ी वजह बना।
UPSC की आपत्ति से भी बढ़ी मुश्किलें
इससे पहले UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) ने झारखंड के डीएसपी प्रमोशन से जुड़े एक मामले में डीजीपी अनुराग गुप्ता की भूमिका पर सवाल उठाए थे। UPSC ने यह भी कहा था कि गुप्ता के कार्यकाल विस्तार की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण कुछ प्रमोशन मामलों पर फैसला टाल दिया गया है। इस टिप्पणी के बाद से ही उनके पद को लेकर असमंजस की स्थिति और गहराने लगी थी।
जानकारों के अनुसार, UPSC की आपत्ति के बाद से ही यह साफ हो गया था कि केंद्र की मंजूरी के बिना गुप्ता का पद पर बने रहना मुश्किल होगा। इसी पृष्ठभूमि में उन्होंने इस्तीफा देना उचित समझा।
राज्य पुलिस महकमे में मची हलचल
डीजीपी के इस्तीफे की खबर फैलते ही राज्य पुलिस मुख्यालय से लेकर सचिवालय तक हलचल मच गई है। कई वरिष्ठ अधिकारी इसे प्रशासनिक संकट मान रहे हैं। झारखंड सरकार अब नए डीजीपी की तलाश में जुट गई है। सूत्रों के अनुसार, इस पद के लिए कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के नामों पर विचार किया जा रहा है।
पुलिस विभाग के भीतर भी यह चर्चा चल रही है कि अगर केंद्र सरकार ने पहले ही स्थिति स्पष्ट कर दी होती तो यह स्थिति टल सकती थी। कई अधिकारी अनुराग गुप्ता को एक सख्त लेकिन निष्पक्ष अफसर मानते हैं, जिन्होंने अपने कार्यकाल में कई बड़े ऑपरेशन सफलतापूर्वक संचालित किए।
क्या होगा अगला कदम?
फिलहाल झारखंड सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यालय से भी इस मामले पर चुप्पी साधी गई है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ दिनों में नए डीजीपी की घोषणा कर दी जाएगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह इस्तीफा सिर्फ प्रशासनिक निर्णय नहीं बल्कि राजनीतिक संकेत भी हो सकता है। केंद्र और राज्य के बीच लंबे समय से चल रही तनातनी इसका एक और उदाहरण बन गई है।
अनुराग गुप्ता का इस्तीफा झारखंड पुलिस महकमे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। उनके कार्यकाल के दौरान कानून-व्यवस्था पर कड़ी पकड़ रही, लेकिन एक्सटेंशन विवाद ने स्थिति को जटिल बना दिया। अब देखना यह होगा कि राज्य सरकार नए डीजीपी की नियुक्ति कैसे और कब करती है, और क्या यह फैसला राज्य-केंद्र संबंधों को और तनावपूर्ण बना देगा या नया रास्ता खोलेगा।







