Ranchi: झारखंड विधानसभा में विधायक जयराम महतो ने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति से जुड़ी गंभीर समस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया। उन्होंने ऊर्जा मंत्री से सवाल किया कि आखिर कब तक डुमरी विधानसभा समेत पूरे राज्य में जर्जर तारों के भरोसे बिजली आपूर्ति की जाती रहेगी? उनका कहना था कि वर्षों पुराने तारों के माध्यम से बिजली दी जा रही है, जिससे आए दिन हादसे और आपूर्ति में बाधाएं आ रही हैं।
बिजली विभाग की सफाई
ऊर्जा मंत्री ने जवाब में बताया कि बिजली के तारों को समय-समय पर बदला जाता है और विभाग इसके प्रति गंभीर है। उन्होंने यह भी कहा कि आरडीआरडीएस योजना के तहत अब तक 49.1 किलोमीटर तार बदले गए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एबी केबल का भी उपयोग किया जाता है। हालांकि, जयराम महतो ने इस जवाब पर असंतोष जताया और कहा कि अभी भी कई क्षेत्रों में पुराने तारों का उपयोग हो रहा है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
ट्रांसफार्मर बदलने में हो रही देरी
विधायक जयराम महतो ने आरोप लगाया कि ग्रामीण इलाकों में ट्रांसफार्मर जलने के बाद महीनों तक उसे बदला नहीं जाता। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को बार-बार फोन करने और अनुशंसा करने के बावजूद कार्य में देरी होती है। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि ट्रांसफार्मर बदलने के लिए किसी विधायक की अनुशंसा की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है। कई विधायकों ने भी इस मुद्दे पर जयराम महतो का समर्थन किया और कहा कि जब तक वे खुद पहल नहीं करते, तब तक विभाग कार्यवाही नहीं करता।
बिजली समस्या के समाधान के लिए टोल-फ्री नंबर
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि बिजली संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए टोल-फ्री नंबर और वेबसाइट जारी किए गए हैं, जहां उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। लेकिन विधायक महतो ने इस पर भी सवाल उठाया कि जब लोग शिकायत दर्ज कराते हैं, तब भी विभाग की ओर से समय पर कार्रवाई नहीं की जाती। उन्होंने विधानसभा में जोर देकर कहा कि सरकार को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना चाहिए ताकि ग्रामीणों को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सके।
बिजली बिल माफी और जुर्माने का मुद्दा
विधायक महतो ने सरकार की उस नीति पर भी सवाल उठाए, जिसमें बिजली बिल माफी की बात कही जाती है, लेकिन दूसरी ओर उपभोक्ताओं पर हजारों रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि विगत दिनों कई ग्रामीणों को 40,000 रुपये तक का जुर्माना भरने का नोटिस मिला है, जो अन्यायपूर्ण है। उन्होंने मांग की कि सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले और बिजली बिल वसूली में पारदर्शिता लाए।
जयराम महतो के इस मुद्दे को उठाने के बाद विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने भी समर्थन दिया। उन्होंने एक सुर में कहा कि बिजली आपूर्ति में सुधार और पुराने तारों को जल्द से जल्द बदला जाना चाहिए। यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाती है और जयराम महतो की मांगों पर किस तरह की कार्रवाई होती है।